गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS): कारण, लक्षण, बचाव और उपचार

गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के गलत तरीके से काम करने के कारण होता है। यह बीमारी परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral Nervous System) को प्रभावित करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और कभी-कभी पक्षाघात (Paralysis) भी हो सकता है। इस लेख में हम गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS क्या है? (What is Guillain-Barré Syndrome?)
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorder) है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ तंत्रिकाओं पर हमला कर देती है। यह स्थिति आमतौर पर किसी संक्रमण या बीमारी के बाद शुरू होती है और तेजी से बढ़ती है। GBS के मरीजों को तीव्र मांसपेशियों की कमजोरी और तंत्रिका तंत्र के लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS जीबीएस एक तीव्र न्यूरोपैथी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिका तंत्र के हिस्से पर हमला करती है। ज़्यादातर मामलों में, यह ऑटोइम्यून न्यूरोपैथी परिधीय तंत्रिकाओं के माइलिन म्यान (तंत्रिका को ढकने वाला इन्सुलेशन और अंतर्निहित तंत्रिका तंतुओं की रक्षा करने वाला) को नुकसान के कारण होती है।
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम के कारण (Causes of Guillain-Barré Syndrome)
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS) जीबीएस एक दुर्लभ , गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है जो कुछ संक्रमणों के बाद उत्पन्न हो सकती है। लक्षणों में झुनझुनी और मांसपेशियों में कमज़ोरी शामिल है।
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome -GBS का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के गलत प्रतिक्रिया के कारण होता है। निम्नलिखित कारक GBS को ट्रिगर कर सकते हैं:
- संक्रमण (Infections):
- कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter jejuni): यह बैक्टीरिया दूषित भोजन या पानी से फैलता है।
- साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus) और एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr Virus): ये वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनते हैं।
- जीका वायरस (Zika Virus) और डेंगू वायरस (Dengue Virus): ये मच्छरों से फैलने वाले वायरस हैं।
- कोविड-19 (COVID-19): हाल के शोध में कोरोनावायरस संक्रमण के बाद GBS के मामले सामने आए हैं।
- टीकाकरण (Vaccination):
बहुत ही दुर्लभ मामलों में, कुछ टीकों (जैसे फ्लू वैक्सीन) के बाद GBS होने की संभावना हो सकती है। - सर्जरी या चोट (Surgery or Injury):
कभी-कभी सर्जरी या गंभीर चोट के बाद भी GBS हो सकता है।

गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS के लक्षण (Symptoms of Guillain-Barré Syndrome)
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS )में, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली – जो आमतौर पर केवल हमलावर जीवों पर हमला करती है – नसों पर हमला करना शुरू कर देती है। AIDP में, नसों का सुरक्षात्मक आवरण, जिसे माइलिन म्यान के रूप में जाना जाता है, क्षतिग्रस्त हो जाता है ।
यह क्षति नसों को आपके मस्तिष्क तक संकेत भेजने से रोकती है, जिससे कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात होता हैGBS के लक्षण आमतौर पर तेजी से विकसित होते हैं और कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों में गंभीर हो सकते हैं। गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness):
यह लक्षण पैरों से शुरू होता है और धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ता है। - सुन्नता या झुनझुनी (Numbness or Tingling Sensation):
हाथ और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस हो सकती है। - पक्षाघात (Paralysis):
गंभीर मामलों में, मरीज को पूर्ण पक्षाघात हो सकता है। - चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी (Facial Muscle Weakness):
बोलने, निगलने या चेहरे के भाव बनाने में दिक्कत हो सकती है। - सांस लेने में तकलीफ (Breathing Difficulties):
सांस लेने की मांसपेशियां प्रभावित हो सकती हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। - दर्द (Pain):
पीठ, कमर या पैरों में तेज दर्द हो सकता है। - रक्तचाप और हृदय गति में बदलाव (Changes in Blood Pressure and Heart Rate):
चक्कर आना या बेहोशी जैसे लक्षण हो सकते हैं।
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBSसे बचाव (Prevention of Guillain-Barré Syndrome)
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS) को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है, लेकिन निम्नलिखित उपाय अपनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:
- संक्रमण से बचाव:
- हाथों को नियमित रूप से धोएं।
- दूषित भोजन और पानी से बचें।
- मच्छरों से बचाव करें।
- टीकाकरण:
- नियमित टीकाकरण करवाएं।
- स्वस्थ जीवनशैली:
- संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
- गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS )जीबीएस के निदान के लिए तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्य का मूल्यांकन करने के लिए इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी) जैसे परीक्षणों का उपयोग किया जाता है। तंत्रिका चालन अध्ययन। तंत्रिका संकेतों की गति को मापने के लिए इलेक्ट्रोड के माध्यम से नसों के माध्यम से एक छोटा सा झटका दिया जाता है।
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS का उपचार (Treatment of Guillain-Barré Syndrome)
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS जीबीएस के लिए कोई ज्ञात इलाज नहीं है , लेकिन उपचार जीबीएस के लक्षणों को बेहतर बनाने और इसकी अवधि को कम करने में मदद कर सकते हैं। रोग की स्वप्रतिरक्षी प्रकृति को देखते हुए, इसके तीव्र चरण का आमतौर पर इम्यूनोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है.
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS मे इम्यून ग्लोबुलिन (दाताओं के एक समूह से एकत्र किए गए कई अलग-अलग एंटीबॉडीज युक्त एक सॉल्यूशन) को जल्दी ही शिरा द्वारा (अंतःशिरा रूप से) दिया जाने लगता है, यह गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का सबसे ज़्यादा किया जाने वाला उपचार है। इसे 1 से 2 दिन या 5 दिनों तक दिया जा सकता है।
जैसे रक्त से एंटीबॉडी को हटाने के लिए प्लाज्मा एक्सचेंज या अंतःशिरा इम्युनोग्लोबुलिन।GBS का उपचार लक्षणों को कम करने और जटिलताओं को रोकने पर केंद्रित होता है। उपचार के प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
- प्लाज्मा एक्सचेंज (Plasma Exchange – Plasmapheresis):
रक्त से हानिकारक एंटीबॉडी को हटाने की प्रक्रिया। - इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (Intravenous Immunoglobulin – IVIG):
स्वस्थ दाताओं से प्राप्त एंटीबॉडी को मरीज के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है।इम्यून ग्लोबुलिन (दाताओं के एक समूह से एकत्र किए गए कई अलग-अलग एंटीबॉडीज युक्त एक सॉल्यूशन) को जल्दी ही शिरा द्वारा (अंतःशिरा रूप से) दिया जाने लगता है, यह गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का सबसे ज़्यादा किया जाने वाला उपचार है। इसे 1 से 2 दिन या 5 दिनों तक दिया जा सकता है। - दर्द निवारक दवाएं (Pain Relief Medications):
GBS के कारण होने वाले दर्द को कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। - फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):
मांसपेशियों को मजबूत बनाने और गतिशीलता बढ़ाने में सहायक। - सांस लेने में सहायता (Breathing Support):
गंभीर मामलों में वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है। - मनोवैज्ञानिक सहायता (Psychological Support):
तनाव और चिंता को कम करने के लिए परामर्श। - गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS )जीबीएस एक विनाशकारी विकार हो सकता है क्योंकि इसमें अचानक और तेजी से, अप्रत्याशित रूप से कमज़ोरी आती है – और अक्सर पक्षाघात होता है। सौभाग्य से, जीबीएस से पीड़ित अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं ।
- जीबीएस से ठीक होना एक धीमी और स्थिर प्रक्रिया हो सकती है, जो अक्सर छह से 12 महीने तक चलती है, लेकिन कुछ मामलों में तीन साल तक का समय लग सकता है। ठीक होने के बाद का परिणाम भी व्यक्तियों के बीच अलग-अलग होता है, जिसमें पूरी तरह से ठीक होना से लेकर लगातार कमज़ोरी या तंत्रिका संबंधी समस्याएँ शामिल हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
गिलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS) एक गंभीर स्थिति है, लेकिन समय पर उपचार और उचित देखभाल से अधिकांश मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। यदि आप या आपके किसी परिचित में GBS के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस स्थिति में समय पर हस्तक्षेप जीवन बचा सकता है और जटिलताओं को रोक सकता है।
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