मुख छाले : परिचय, कारण, लक्षण, घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक उपचार
परिचय
मुख के छाले (Mouth Ulcers) एक सामान्य लेकिन कष्टदायक समस्या होती है, जिससे व्यक्ति को खाने-पीने और बोलने में कठिनाई होती है। यह समस्या हर उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। छाले आमतौर पर छोटे सफेद, पीले या लाल रंग के होते हैं और जीभ, मसूड़े, गालों की अंदरूनी सतह, होंठों के अंदरूनी भाग या तालू पर होते हैं।
मुंह के छाले (Mouth Ulcers) या मुंह के अल्सर एक सामान्य समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। ये छाले मुंह के अंदर, जीभ, गालों के भीतरी हिस्से, होंठों या मसूड़ों पर हो सकते हैं। ये छोटे, दर्दभरे और लाल या सफेद रंग के होते हैं। हालांकि ये ज्यादातर हानिरहित होते हैं और कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये बार-बार होने लगते हैं और असहनीय दर्द का कारण बनते हैं।
इस लेख में हम मुंह के छालों के कारण, लक्षण, 30 प्रभावी घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। मुख छाले अल्पकालिक (Acute) हो सकते हैं, जो कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं, या दीर्घकालिक (Chronic) भी हो सकते हैं, जो लंबे समय तक बने रहते हैं। इन छालो के लिए कुछ मेडिसन (Mouth ulcer gel) के बारे मे हम इस लेख मे वर्णन करेंगे ।
छालों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- अफ्थस अल्सर (Aphthous Ulcers) – ये सामान्य छाले होते हैं और अक्सर बार-बार होते हैं।
- हर्पेटिक अल्सर (Herpetic Ulcers) – ये वायरल संक्रमण के कारण होते हैं और अधिक दर्दनाक होते हैं।
- ट्रॉमैटिक अल्सर (Traumatic Ulcers) – किसी चोट या मुंह के अंदर कटने से होने वाले छाले।
मुख छालों के कारण
मुख के छाले कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पोषक तत्वों की कमी – विटामिन बी 12, फोलिक एसिड और आयरन की कमी से छाले हो सकते हैं।
- दांतों की चोट – गलती से दांत काटने, ब्रश से चोट लगने या डेंटल ट्रीटमेंट के कारण।
- मसालेदार और गरम भोजन – अत्यधिक तीखा और खट्टा भोजन छालों को बढ़ा सकता है।
- मानसिक तनाव और चिंता – अधिक तनाव और चिंता का प्रभाव शरीर के इम्यून सिस्टम पर पड़ता है, जिससे छाले हो सकते हैं।
- एलर्जी और संक्रमण – कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी या वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण से छाले हो सकते हैं।
- पाचन तंत्र की समस्या – अपच, कब्ज और एसिडिटी के कारण भी छाले हो सकते हैं।
- खराब मौखिक स्वच्छता – मुंह की ठीक से सफाई न करने से बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे छाले हो सकते हैं।
- अनुवांशिकता – कुछ लोगों को यह समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी होती है।
- मेडिकल कंडीशंस – डायबिटीज, एनीमिया, क्रोहन डिजीज, कोलाइटिस जैसी बीमारियां छालों का कारण बन सकती हैं।
- धूम्रपान और शराब – अधिक धूम्रपान या शराब पीने से मुंह में जलन और छाले हो सकते हैं।मुंह के छालों के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- चोट या घाव (Injury) – दांतों से गाल या जीभ कट जाना, गर्म खाने से जलन, ब्रश करते समय चोट लगना आदि।
- अम्लीय या मसालेदार भोजन (Spicy or Acidic Foods) – खट्टे फल, अधिक मिर्च-मसाले वाला खाना।
- हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes) – महिलाओं में पीरियड्स या गर्भावस्था के दौरान।
- तनाव (Stress) – मानसिक तनाव या चिंता से भी छाले हो सकते हैं।
- कमजोर इम्यूनिटी (Weak Immunity) – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर।
- दवाओं का साइड इफेक्ट (Medication Side Effects) – कुछ दर्द निवारक दवाएं या कीमोथेरेपी।
- संक्रमण (Infection) – बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इन्फेक्शन।
- कुछ बीमारियां (Medical Conditions) – डायबिटीज, सीलिएक डिजीज, HIV/AIDS आदि।
मुख छालों के लक्षण
मुख छाले आमतौर पर निम्नलिखित लक्षणों के साथ होते हैं:
- मुंह के अंदर सफेद, लाल या पीले रंग के छोटे घाव।
- छालों के आसपास हल्की जलन और सूजन।
- छालों की वजह से खाने, पीने और बोलने में कठिनाई।
- कभी-कभी हल्का बुखार और कमजोरी महसूस होना।
- मसूड़ों में सूजन और दर्द।
मुंह के छालों के लिए 30 घरेलू उपचार (30 Home Remedies for Mouth Ulcers)
मुंह के छालों से राहत पाने के लिए कई प्राकृतिक और घरेलू उपाय हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं:

- 1. नारियल का तेल (Coconut Oil)
- नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। छाले पर लगाने से जल्दी आराम मिलता है।
- 2. शहद (Honey)
- शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। छाले पर लगाकर रखें।
- 3. एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel)
- एलोवेरा जेल को छाले पर लगाएं, यह दर्द और सूजन कम करता है।
- 4. हल्दी पाउडर (Turmeric Powder)
- हल्दी और पानी का पेस्ट बनाकर लगाएं, यह घाव भरने में मदद करता है।
- 5. तुलसी के पत्ते (Basil Leaves)
- तुलसी की पत्तियां चबाने से छाले ठीक होते हैं।
- 6. बर्फ लगाना (Ice Application)
- बर्फ से सिकाई करने से दर्द और सूजन कम होती है।
- 7. नमक का पानी (Salt Water Gargle)
- गर्म पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से फायदा होता है।
- 8. अमरूद के पत्ते (Guava Leaves)
- अमरूद की पत्तियां चबाने से छाले ठीक होते हैं।
- 9. ग्लिसरीन (Glycerin)
- छालों पर ग्लिसरीन लगाने से आराम मिलता है।
- 10. कच्चा प्याज (Raw Onion)
- प्याज के रस को छाले पर लगाएं, इसमें सल्फर होता है जो घाव भरता है।
- 11. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
- पानी में मिलाकर कुल्ला करने से फायदा होता है।
- 12. लौंग का तेल (Clove Oil)
- लौंग का तेल दर्द निवारक है, छाले पर लगाएं।
- 13. पुदीने की पत्तियां (Mint Leaves)
- पुदीना चबाने से ठंडक मिलती है और दर्द कम होता है।
- 14. मुलेठी पाउडर (Licorice Powder)
- मुलेठी को शहद के साथ मिलाकर लगाएं।
- 15. दही (Curd)
- दही खाने या छाले पर लगाने से आराम मिलता है।
- 16. बेकिंग सोडा (Baking Soda)
- पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं।
- 17. चाय की पत्ती (Tea Bag)
- गीली चाय की पत्ती को छाले पर रखें, टैनिन दर्द कम करता है।
- 18. परवल का जूस (Pointed Gourd Juice)
- परवल का रस पीने से छाले ठीक होते हैं।
- 19. आंवला पाउडर (Amla Powder)
- आंवला चूर्ण को शहद के साथ लें।
- 20. अदरक का रस (Ginger Juice)
- अदरक का रस लगाने से दर्द कम होता है।
- 21. केला और दूध (Banana and Milk)
- केले को दूध के साथ खाएं, यह विटामिन की कमी दूर करता है।
- 22. गाजर का जूस (Carrot Juice)
- गाजर और पालक का जूस पीने से फायदा होता है।
- 23. काली मिर्च और घी (Black Pepper with Ghee)
- काली मिर्च पाउडर को घी में मिलाकर लगाएं।
- 24. मेथी के पत्ते (Fenugreek Leaves)
- मेथी की पत्तियों को उबालकर पानी से कुल्ला करें।
- 25. करेले का जूस (Bitter Gourd Juice)
- करेले का रस पीने से छाले ठीक होते हैं।
- 26. सरसों का तेल (Mustard Oil)
- सरसों के तेल में नमक मिलाकर लगाएं।
- 27. पपीता (Papaya)
- पपीता खाने से पाचन ठीक रहता है और छाले नहीं होते।
- 28. तिल का तेल (Sesame Oil)
- तिल के तेल से कुल्ला करने से आराम मिलता है।
- 29. नीम की पत्तियां (Neem Leaves)
- नीम की पत्तियां चबाने या नीम का काढ़ा बनाकर गरारे करें।
- 30. पानी अधिक पिएं (Drink More Water)
- शरीर में पानी की कमी से भी छाले होते हैं, इसलिए भरपूर पानी पिएं।

मुंह के छालों का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Mouth Ulcers)
आयुर्वेद में मुंह के छालों को “मुखपाक” कहा जाता है और इसे पित्त दोष के असंतुलन से जोड़ा जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में निम्नलिखित तरीके शामिल हैं:
- 1. त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder)
- त्रिफला का काढ़ा बनाकर गरारे करने से छाले ठीक होते हैं।
- 2. यष्टिमधु (Mulethi / Licorice)
- मुलेठी को शहद के साथ लेने से आराम मिलता है।
- 3. आमला (Amla)
- आंवला का रस या चूर्ण विटामिन C की कमी दूर करता है।
- 4. गिलोय (Giloy)
- गिलोय का जूस इम्यूनिटी बढ़ाता है और छालों से बचाता है।
- 5. खदिरारिष्ट (Khadirarishta)
- यह आयुर्वेदिक टॉनिक मुंह के छालों में फायदेमंद है।
- 6. इलायची (Cardamom)
- इलायची चबाने से मुंह की जलन कम होती है।
- 7. सारिवादि वटी (Sarivadi Vati)
- यह आयुर्वेदिक गोली छालों को ठीक करती है।
- 8. करंज तेल (Karanj Oil)
- करंज के तेल से कुल्ला करने से लाभ होता है।
- 9. अर्क पत्र (Arka Patra)
- अर्क के पत्तों का रस छालों पर लगाएं।
- 10. पंचकर्म थेरेपी (Panchakarma Therapy)
- विरेचन (विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना) और कवलग्रह (तेल से कुल्ला) करने से फायदा होता है।

(Difference Between Mouth Ulcer and Oral Cancer in Hindi)(मुंह के छाले और मुंह के कैंसर में अंतर)
मुंह के छाले (Mouth Ulcers) और मुंह का कैंसर (Oral Cancer) दोनों ही मुंह में होने वाली समस्याएं हैं, लेकिन इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। कई बार लोग सामान्य छालों को कैंसर समझ लेते हैं या फिर कैंसर के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, इन दोनों के बीच के अंतर को समझना बहुत जरूरी है।
1. मुंह के छाले (Mouth ulcer) क्या हैं?
मुंह के छाले (जिन्हें “अफ्थस अल्सर” भी कहा जाता है) छोटे, दर्दभरे घाव होते हैं जो मुंह के अंदर (जीभ, गाल, होंठ या मसूड़ों) पर हो जाते हैं। ये आमतौर पर हानिरहित होते हैं और 1-2 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाते हैं।
मुख्य विशेषताएं:
- छोटे, गोल या अंडाकार आकार के घाव
- सफेद या पीले रंग के बीच वाले और लाल किनारों वाले
- छूने या खाने-पीने में दर्द होना
- 7-14 दिनों में अपने आप ठीक हो जाना
- बार-बार हो सकते हैं, लेकिन कैंसर नहीं बनते
2. मुंह का कैंसर (Oral Cancer) क्या है?
मुंह का कैंसर (मुख कैंसर) एक गंभीर बीमारी है जो मुंह के किसी भी हिस्से (जीभ, गाल, तालू, होंठ, मसूड़े) में हो सकती है। यह असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है और अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है।
मुख्य विशेषताएं:
- घाव लंबे समय (2-3 हफ्ते से अधिक) तक ठीक नहीं होता
- धीरे-धीरे बढ़ता हुआ घाव या गांठ
- दर्द रहित या फिर लगातार दर्द
- मुंह से खून आना
- गले में खराश या आवाज में बदलाव
- चबाने या निगलने में दिक्कत
- गर्दन में गांठ (लिम्फ नोड्स का बढ़ना)
मुंह के छाले और मुंह के कैंसर में अंतर (Difference Table)
लक्षण | मुंह के छाले (Mouth Ulcer) | मुंह का कैंसर (Oral Cancer) |
---|---|---|
घाव का आकार | छोटा, गोल या अंडाकार | अनियमित आकार, किनारे उभरे हुए या असमान |
रंग | सफेद/पीला केंद्र, लाल किनारे | लाल, सफेद या काले धब्बे, मोटा पैच |
दर्द | छूने या खाने-पीने में दर्द | शुरुआत में दर्द नहीं, बाद में लगातार दर्द |
समय सीमा | 1-2 हफ्ते में ठीक हो जाता है | 2-3 हफ्ते से अधिक बना रहता है, बढ़ता जाता है |
खून आना | आमतौर पर नहीं | मुंह से खून आ सकता है |
गांठ या सूजन | नहीं होती | मुंह में गांठ या गर्दन में सूजन हो सकती है |
कारण | चोट, विटामिन की कमी, तनाव, मसालेदार भोजन | तंबाकू, शराब, HPV वायरस, धूप में अधिक रहना |
कब डॉक्टर को दिखाएं?
अगर मुंह में कोई घाव या गांठ निम्न लक्षण दिखाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
✔ 2-3 हफ्ते से ठीक न हो रहा हो
✔ दर्द के बिना बढ़ता हुआ घाव
✔ मुंह से लगातार खून आना
✔ गर्दन में गांठ या सूजन
✔ चबाने या बोलने में दिक्कत
निष्कर्ष
मुंह के छाले आम समस्या हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन मुंह का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है। अगर कोई घाव लंबे समय तक ठीक नहीं हो रहा है या असामान्य लक्षण दिख रहे हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। तंबाकू और शराब से परहेज करके मुंह के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
मुख छाले अस्थायी होते हैं लेकिन कभी-कभी बहुत कष्टदायक हो सकते हैं। सही आहार, उचित मौखिक स्वच्छता और घरेलू उपचारों से इन्हें जल्दी ठीक किया जा सकता है। यदि छाले लंबे समय तक बने रहते हैं या बार-बार होते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है।
मुंह के छाले एक सामान्य समस्या हैं, लेकिन अगर ये बार-बार होते हैं या लंबे समय तक ठीक नहीं होते, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन और उचित मौखिक स्वच्छता से इन्हें रोका जा सकता है। घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करके भी छालों से जल्दी आराम पाया जा सकता है।
अगर आपको बार-बार मुंह में छाले होते हैं, तो विटामिन और मिनरल्स की जांच करवाएं और अपने खान-पान में सुधार करें।
सावधानी: इस लेख का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है। किसी भी गंभीर लक्षण के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!
मुख छालों के लिए भारत में उपलब्ध जेल (mouth ulcer gel )
मुख छालों के उपचार के लिए कई प्रकार के जेल उपलब्ध हैं, जो दर्द और जलन को कम करने में सहायक होते हैं। भारत में मिलने वाले कुछ प्रमुख जेल निम्नलिखित हैं:
- हिमालया हिमगेल (Himalaya Himgel) – आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बना जेल, जो छालों को जल्दी ठीक करता है।
- कैविसिड जेल (Caviscid Gel) – दर्द और जलन को कम करने के लिए प्रभावी।
- बोरोप्लस हर्बल एंटीसेप्टिक जेल (Boroplus Herbal Antiseptic Gel) – एंटीसेप्टिक गुणों से युक्त यह जेल छालों में राहत देता है।
- डेंटोजेल (DentoGel) – लिडोकाइन युक्त यह जेल दर्द को कम करता है।
- अफ्थोसोल जेल (Aphthosol Gel) – छालों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक।
- ओरा-हेक्स जेल (Ora-Hex Gel) – एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर।
- मुकोपैन जेल (Mucopain Gel) – लिडोकाइन युक्त जेल, जो त्वरित राहत प्रदान करता है।
- ओरासोर जेल (Orasore Gel) – तुरंत राहत देने वाला प्रभावी जेल।
- केनलोग ओराबेस (Kenalog Orabase) – गंभीर छालों के लिए उपयोगी।
- डेंटोकैन-एम जेल (Dentokain-M Gel) – दर्द और जलन को कम करने में सहायक।
- बैक्सीफ्लेम जेल (Baxiflam Gel) – सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।
- मॉक्सिगेल ओरल जेल (Moxigel Oral Gel) – जीवाणुरोधी और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त।
- ट्रायमेसिनोलोन ओराबेस (Triamcinolone Orabase) – गंभीर और बार-बार होने वाले छालों के लिए प्रभावी।
- जेंटायल जेल (Gental Gel) – दर्द और जलन में राहत देने वाला।
- अक्सिगेल ओरल जेल (Oxygel Oral Gel) – तेजी से असर दिखाने वाला जेल।
इन छालों के बारे मे और जानने के लिए इस लेख पे क्लिक कीजिए – https://enlightayurveda.com/stomatitis-meaning-in-hindi/
Nice Information Sir. 🙏