🌿 डेंगू का परिचय (Dengue Introduction in Hindi):
डेंगू एक वायरल संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) नामक मच्छर के काटने से फैलता है। यह बीमारी विशेष रूप से गर्म और बरसात के मौसम में तेजी से फैलती है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है।
डेंगू वायरस चार प्रकार का होता है – DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4। अगर किसी व्यक्ति को एक प्रकार का वायरस हो चुका है, तो उसे जीवन भर उससे बचाव हो जाता है, लेकिन बाकी तीन प्रकार से फिर भी संक्रमण हो सकता है।
डेंगू को आम बोलचाल में लोग हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone Fever) भी कहते हैं, क्योंकि इसके कारण तेज बुखार, मांसपेशियों और हड्डियों में असहनीय दर्द होता है। इस की चिकित्सा मे Dengue fever supportive therapy महत्व है !
महत्वपूर्ण तथ्य (Key Facts About Dengue)
- इन्क्यूबेशन पीरियड: 4-10 दिन
- मौसमी प्रभाव: बरसात के मौसम (जुलाई-नवंबर) में अधिक फैलता है
- जोखिम क्षेत्र: शहरी और अर्ध-शहरी इलाके
- मृत्यु दर: समय पर इलाज न मिलने पर 20% तक
🔬 डेंगू की प्रमुख विशेषताएं:
- यह वायरस जनित रोग है।
- यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता, बल्कि मच्छर के माध्यम से फैलता है।
- डेंगू मच्छर दिन के समय काटता है, विशेषकर सूरज निकलने और डूबने के समय।
- रोग की पहचान रक्त परीक्षण द्वारा की जाती है (जैसे NS1 Antigen, CBC, ELISA आदि)।
⚠️ डेंगू का महत्व:
- यदि समय पर इलाज न हो, तो डेंगू गंभीर रूप ले सकता है, जैसे:
- डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) – जिसमें शरीर से रक्तस्राव होने लगता है।
- डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) – जिसमें रक्तचाप गिर जाता है और अंग काम करना बंद कर सकते हैं।
डेंगू के कारण (Dengue Causes in Hindi)

डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो डेंगू वायरस (DENV) के कारण होती है। यह वायरस मुख्य रूप से मादा एडीज इजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर के काटने से फैलता है। कभी-कभी एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) मच्छर भी इस वायरस को फैला सकता है।
1. डेंगू फैलाने वाला मुख्य कारक: मच्छर
डेंगू का प्राथमिक कारण संक्रमित मच्छरों का काटना है। जब कोई मच्छर किसी डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह वायरस को अपने अंदर ले लेता है और फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटकर उसे संक्रमित कर देता है।
एडीज मच्छर की पहचान:
- यह मच्छर दिन के समय (सुबह और शाम) काटता है।
- इसके शरीर पर सफेद धारियां होती हैं।
- यह साफ पानी (जैसे कूलर, गमले, टायर, टंकी) में पनपता है।
2. डेंगू वायरस के प्रकार
डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप होते हैं:
- DEN-1
- DEN-2 (सबसे खतरनाक, गंभीर डेंगू का कारण)
- DEN-3
- DEN-4
- अगर किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाता है, तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता केवल उसी सीरोटाइप के खिलाफ बनती है। दूसरे सीरोटाइप से दोबारा संक्रमण होने पर गंभीर डेंगू (हैमरेजिक फीवर) हो सकता है।
3. डेंगू फैलने के अन्य कारण (कम सामान्य)
कुछ दुर्लभ मामलों में डेंगू निम्न कारणों से भी फैल सकता है:
- संक्रमित खून चढ़ाने से
- संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से
- गर्भवती माँ से शिशु में (बहुत कम मामलों में)
4. डेंगू फैलने के लिए जिम्मेदार जोखिम कारक
- मच्छरों का पनपना: घर के आसपास पानी जमा होना (कूलर, गमले, टायर, नालियाँ)।
- बरसात का मौसम: जुलाई से नवंबर तक डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है।
- घनी आबादी वाले शहरी इलाके: जहाँ मच्छरों के फैलने की संभावना अधिक होती है।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: बच्चों और बुजुर्गों में डेंगू का खतरा अधिक होता है।
5. डेंगू से बचाव के उपाय
- मच्छरदानी का उपयोग करें।
- पानी जमा न होने दें (कूलर, गमले साफ रखें)।
- मॉस्किटो रेपेलेंट (कीटनाशक) का प्रयोग करें।
- पूरे बाजू के कपड़े पहनें।
डेंगू एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जानकारी और सावधानियों से इससे बचा जा सकता है। अगर बुखार, जोड़ों में दर्द या त्वचा पर रैशेज दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नोट: डेंगू का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, केवल लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है।
क्या आपको डेंगू के लक्षण या इलाज के बारे में और जानकारी चाहिए?
डेंगू के लक्षण – विस्तृत विवरण (Dengue Symptoms in Hindi – Full Detailed)

डेंगू संक्रमण के लक्षण वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 4 से 10 दिनों के भीतर दिखाई देने लगते हैं। लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं, और कुछ मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। नीचे डेंगू के सभी मुख्य और संभावित लक्षणों का विस्तृत वर्णन किया गया है:
🔹 सामान्य डेंगू के लक्षण (Common Symptoms of Dengue):
- 🌡️ तेज़ बुखार (High Fever)
- अचानक तेज बुखार, जो 102°F से 105°F तक हो सकता है।
- आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है।
- 🤕 तेज सिरदर्द (Severe Headache)
- खासकर माथे और आंखों के पीछे (retro-orbital pain) में दर्द महसूस होता है।
- 💪 मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द (Muscle and Joint Pain)
- इसे हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone Fever) कहा जाता है क्योंकि दर्द बहुत असहनीय होता है।
- 👀 आंखों के पीछे दर्द (Pain Behind the Eyes)
- आंखों को घुमाने पर दर्द और दबाव महसूस हो सकता है।
- 😩 थकान और कमजोरी (Extreme Fatigue and Weakness)
- व्यक्ति बहुत थका हुआ और कमजोर महसूस करता है, कभी-कभी कई हफ्तों तक।
- 🤢 उल्टी या मतली (Nausea and Vomiting)
- पेट खराब रहना, मिचली और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं।
- 🌸 त्वचा पर चकत्ते (Skin Rash)
- बुखार के 2–5 दिन बाद लाल चकत्ते या छोटे-छोटे दाने हो सकते हैं।
- त्वचा पर खुजली भी हो सकती है।
- 🍽️ भूख न लगना (Loss of Appetite)
- खाने की इच्छा कम हो जाती है या बिल्कुल नहीं होती।
🔴 गंभीर डेंगू (Severe Dengue) के लक्षण:
गंभीर डेंगू को डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) कहा जाता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
- 🩸 खून बहने के लक्षण (Bleeding Symptoms)
- नाक या मसूड़ों से खून आना
- पेशाब या मल में खून
- शरीर पर नीले या काले धब्बे (Bruising) – बिना चोट के
- 📉 प्लेटलेट्स की संख्या कम होना (Low Platelet Count)
- सामान्य रूप से 1.5 लाख से अधिक प्लेटलेट्स होते हैं, लेकिन डेंगू में यह संख्या घटकर 20,000–50,000 तक जा सकती है।
- इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।
- 💧 शरीर में तरल की कमी (Dehydration and Fluid Leakage)
- पसीना, उल्टी, दस्त आदि से शरीर का पानी तेजी से निकलता है।
- शरीर फूल सकता है या पेट में पानी भर सकता है।
- 💓 रक्तचाप गिरना (Low Blood Pressure / Shock)
- तेज दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर में गिरावट।
- यह स्थिति जीवन के लिए खतरा बन सकती है (Dengue Shock Syndrome)।
- 🧠 चक्कर आना या बेहोशी (Dizziness or Unconsciousness)
- मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ने से भ्रम, बेचैनी या बेहोशी हो सकती है।
⚠️ बच्चों और बुज़ुर्गों में विशेष लक्षण:
- लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, लेकिन प्लेटलेट्स तेजी से गिर सकते हैं।
- बच्चे चिड़चिड़े, नींद में ज्यादा, या बहुत सुस्त हो सकते हैं।
🛑 कब डॉक्टर से संपर्क करें:
यदि नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ:
- लगातार उल्टी
- सांस लेने में दिक्कत
- शरीर पर अचानक नीले/काले दाग
- पेट में तीव्र दर्द
- अचानक थकावट और चक्कर
डेंगू का निदान (Diagnosis of Dengue)
- एनएस1 एंटीजन टेस्ट: लक्षण शुरू होने के 1-3 दिन में
- डेंगू सेरोलॉजी टेस्ट (IgM/IgG): 5-7 दिन बाद
- पूर्ण रक्त गणना (CBC): प्लेटलेट काउंट और हीमटोक्रिट जांचने के लिए
अगर आप चाहें, तो मैं डेंगू की पहचान, जांच और उपचार के बारे में भी पूरी जानकारी दे सकता हूँ।
🩺 डेंगू बुखार की सहायक चिकित्सा (Supportive Therapy for Dengue Fever in Hindi)

डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट एंटीवायरल इलाज नहीं होता, इसलिए इसका उपचार मुख्यतः सहायक चिकित्सा (Supportive Therapy) पर आधारित होता है। इसका उद्देश्य रोग की तीव्रता को कम करना, शरीर को मज़बूती देना और संभावित जटिलताओं से बचाव करना होता है।
डेंगू में सहायक उपचार के मुख्य उद्देश्य
✔ तरल पदार्थों की कमी (डिहाइड्रेशन) को रोकना
✔ बुखार और दर्द को कम करना
✔ प्लेटलेट्स कम होने पर निगरानी रखना
✔ गंभीर लक्षणों (डेंगू शॉक सिंड्रोम, हैमरेज) की पहचान करना
✅ डेंगू में सहायक चिकित्सा के प्रमुख उपाय:
1. 🧊 बुखार और दर्द नियंत्रित करना
- पैरासिटामोल (Paracetamol) का उपयोग करें बुखार और दर्द कम करने के लिए।
- Aspirin, Ibuprofen या NSAIDs जैसे दवाएं न लें क्योंकि ये रक्तस्राव बढ़ा सकती हैं।
2. 💧 पर्याप्त तरल पदार्थ देना (Hydration)
- तरल पदार्थों का अधिक सेवन (Hydration)
- डेंगू में प्लाज्मा लीकेज (Plasma Leakage) के कारण शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इसलिए:
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट (ORS) का घोल पिएं।
- नारियल पानी, छाछ, फलों का रस (मौसमी, अनार) लें।
- पानी अधिक मात्रा में पिएं (हर 1-2 घंटे में)।
- गंभीर मामलों में IV फ्लूइड्स (नसों से ड्रिप) दिया जाता है।
- तरल पदार्थ बहुत जरूरी हैं क्योंकि डेंगू में शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
3. 🍲 पौष्टिक आहार (Nutritious Diet)
- हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक खाना दें जैसे:
- दलिया, खिचड़ी, सूप
- फल जैसे पपीता, अनार, संतरा
- हरी सब्जियाँ
- भोजन में ज़्यादा तेल और मसाले से परहेज़ करें।
4. 🩸 प्लेटलेट्स की निगरानी (Platelet Monitoring)
प्लेटलेट्स की निगरानी (Platelet Count Monitoring)
- सामान्य प्लेटलेट काउंट: 1.5–4 लाख/μL
- डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने पर (<50,000):
- पपीते के पत्ते का रस (Papaya Leaf Extract) – प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार।
- डॉक्टर की सलाह से प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन (बहुत कम प्लेटलेट्स होने पर)।
- रोज़ाना CBC (Complete Blood Count) टेस्ट से प्लेटलेट्स की संख्या पर नज़र रखें।
- जब प्लेटलेट्स 20,000 से नीचे आ जाएं और रक्तस्राव हो रहा हो, तब प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत हो सकती है (लेकिन हर केस में नहीं)।
5. 🛏️ विश्राम (Rest)
- पूरी तरह आराम करना जरूरी है ताकि शरीर की ऊर्जा डेंगू से लड़ने में लग सके।
- थकावट को नज़रअंदाज़ न करें।
6. ❌ E. गंभीर लक्षणों पर नजर (Warning Signs)
अगर निम्न लक्षण दिखें, तुरंत अस्पताल जाएँ:
- बेहोशी या चक्कर आना
- तेज पेट दर्द
- लगातार उल्टी
- मसूड़ों/नाक से खून आना
- सांस लेने में तकलीफ
- शरीर पर नीले धब्बे
- इन लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बुखार और दर्द का प्रबंधन (Fever & Pain Management)
- पैरासिटामोल (Paracetamol) – डेंगू में सबसे सुरक्षित दवा (4-6 घंटे के अंतराल पर)।
- गीले कपड़े से शरीर पोंछें (बुखार कम करने के लिए)।
⚠ न लें:
- एस्पिरिन (Aspirin) या आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) – ये प्लेटलेट्स कम कर सकते हैं और ब्लीडिंग का खतरा बढ़ाते हैं।
🧴 घरेलू देखभाल में उपयोगी सुझाव:
- मच्छरों से बचाव करें (मच्छरदानी, क्रीम, रिपेलेंट आदि)
- रोगी को अकेले न छोड़ें
- लगातार बुखार और उल्टी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें
डेंगू बुखार के 20 घरेलू उपाय (20 Home Remedies for Dengue in Hindi)
डेंगू बुखार में मच्छरों से फैलने वाले वायरस के कारण तेज बुखार, जोड़ों में दर्द और प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। एलोपैथिक दवाओं के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies) भी डेंगू के लक्षणों को कम करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
1. पपीते के पत्ते का रस (Papaya Leaf Juice)
✅ कैसे काम करता है?
पपीते के पत्तों में पपैन (Papain) और काइमोपैपेन (Chymopapain) जैसे एंजाइम होते हैं, जो प्लेटलेट्स बढ़ाने और लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- 2-3 ताजे पपीते के पत्ते पीसकर रस निकालें।
- दिन में 2 बार (सुबह-शाम) 1-2 चम्मच रस पिएं।
⚠ सावधानी: ज्यादा मात्रा में न लें, उल्टी हो सकती है।
2. गिलोय का जूस (Giloy Juice)
✅ कैसे काम करता है?
गिलोय एक इम्यूनोमॉड्यूलेटर (Immunomodulator) है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और वायरस से लड़ने में मदद करता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- गिलोय की डंडी को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं।
- दिन में 2 बार 1 कप पिएं।
3. अनार का जूस (Pomegranate Juice)
✅ कैसे काम करता है?
अनार में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो खून की कमी को दूर करते हैं और प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- ताजा अनार का जूस निकालकर दिन में 2 बार पिएं।
4. नारियल पानी (Coconut Water)
✅ कैसे काम करता है?
नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स (पोटैशियम, सोडियम) से भरपूर होता है, जो डिहाइड्रेशन और कमजोरी को दूर करता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- दिन में 2-3 बार ताजा नारियल पानी पिएं।
5. हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)
✅ कैसे काम करता है?
हल्दी में कर्क्यूमिन (Curcumin) होता है, जो सूजन कम करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 गिलास गर्म दूध में 1 चुटकी हल्दी मिलाकर रात को पिएं।
6. तुलसी और अदरक की चाय (Basil-Ginger Tea)
✅ कैसे काम करता है?
तुलसी में एंटीवायरल गुण होते हैं और अदरक बुखार व जोड़ों के दर्द को कम करता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- 5-6 तुलसी के पत्ते और अदरक का टुकड़ा उबालकर चाय बनाएं।
- दिन में 2 बार पिएं।
7. मेथी के पानी (Fenugreek Water)
✅ कैसे काम करता है?
मेथी बुखार कम करने और नींद लाने में मदद करती है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 चम्मच मेथी दाना रातभर पानी में भिगोकर सुबह छानकर पिएं।
8. कीवी फल (Kiwi Fruit)
✅ कैसे काम करता है?
कीवी में विटामिन C, E और पोटैशियम होता है, जो प्लेटलेट्स बढ़ाता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- रोज 1-2 कीवी फल खाएं।
9. गोल्डन मिल्क (हल्दी-दूध) (Golden Milk)
✅ कैसे काम करता है?
हल्दी, दालचीनी और शहद मिलाकर बनाया गया यह ड्रिंक इम्यूनिटी बूस्ट करता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 गिलास दूध में 1 चुटकी हल्दी, दालचीनी और शहद मिलाकर पिएं।
10. एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar)
✅ कैसे काम करता है?
यह बुखार कम करने और शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है।
✅ कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच ACV मिलाकर पिएं।
अन्य उपाय:
- चुकंदर का जूस (खून बढ़ाता है)
- आंवला जूस (विटामिन C से भरपूर)
- गेहूं घास का रस (प्लेटलेट्स बढ़ाता है)
- हर्बल टी (तुलसी, अदरक, इलायची)
- मुनक्का और दूध (एनर्जी बढ़ाता है)
- लहसुन (एंटीवायरल गुण)
- अंगूर का जूस (एंटीऑक्सीडेंट्स)
- दलिया या खिचड़ी (हल्का आहार)
- शहद और नींबू पानी (डिटॉक्स करता है)
- हाइड्रेशन पर फोकस (ORS, नींबू पानी)
डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Dengue in Hindi)
डेंगू बुखार के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपचार बताए गए हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, प्लेटलेट्स को बढ़ावा देने और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं डेंगू के लिए आयुर्वेदिक दवाएं, जड़ी-बूटियां और उपचार विधियां।
1. डेंगू के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ (Ayurvedic Herbs for Dengue)
1. गिलोय (Giloy / Guduchi)
- गुण: इम्यूनिटी बूस्टर, एंटीवायरल, ज्वरनाशक
- उपयोग:
- गिलोय का काढ़ा (1 छोटा टुकड़ा उबालकर पिएं)
- गिलोय सत्व (पाउडर) + शहद के साथ लें
2. पपीते के पत्ते (Papaya Leaves)
- गुण: प्लेटलेट्स बढ़ाने वाला, लिवर डिटॉक्स
- उपयोग:
- 2-3 पत्तों का रस निकालकर दिन में 2 बार 1-2 चम्मच लें
3. तुलसी (Basil / Tulsi)
- गुण: एंटीवायरल, बुखार कम करने वाला
- उपयोग:
- तुलसी+काली मिर्च+अदरक का काढ़ा
- तुलसी का रस + शहद
4. अश्वगंधा (Ashwagandha)
- गुण: शक्तिवर्धक, इम्यूनिटी बढ़ाए
- उपयोग:
- 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म दूध के साथ
5. हल्दी (Turmeric)
- गुण: एंटी-इंफ्लेमेटरी, संक्रमणरोधी
- उपयोग:
- हल्दी वाला दूध
- 1 चुटकी हल्दी + शहद चाटें
2. डेंगू के लिए आयुर्वेदिक काढ़े (Ayurvedic Kadha for Dengue)
1. गिलोय-तुलसी काढ़ा
सामग्री:
- गिलोय का तना (1 इंच)
- तुलसी के पत्ते (5-6)
- अदरक (छोटा टुकड़ा)
- काली मिर्च (2-3 दाने)
बनाने की विधि:
- सभी सामग्री को 2 कप पानी में उबालें।
- आधा कप रह जाने पर छानकर गुनगुना पिएं।
2. मुलेठी-दारुहल्दी काढ़ा
सामग्री:
- मुलेठी (1 छोटा टुकड़ा)
- दारुहल्दी (1/2 चम्मच पाउडर)
- गुड़ (स्वादानुसार)
उपयोग:
- यह काढ़ा बुखार और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
3. डेंगू में आयुर्वेदिक डाइट (Ayurvedic Diet for Dengue)
✔ हल्का व सुपाच्य भोजन: खिचड़ी, मूंग दाल, दलिया
✔ तरल पदार्थ: नारियल पानी, अनार का रस, आंवला जूस
✔ प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल: कीवी, पपीता, संतरा
❌ परहेज: तला-भुना, मसालेदार भोजन, ठंडे पेय
4. डेंगू के लिए आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines)
- सुदर्शन घनवटी – ज्वरनाशक
- गिलोय घनवटी – इम्यूनिटी बूस्टर
- पुनर्नवा मंडूर – खून साफ करने वाली
- अमृतारिष्ट – बुखार कम करने वाला
- धात्री लौह – प्लेटलेट्स बढ़ाने वाला
⚠ सावधानी: किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही दवाएं लें।
5. अन्य आयुर्वेदिक उपचार (Other Ayurvedic Remedies)
योग और प्राणायाम: श्वासन, अनुलोम-विलोम
एरंड तेल की मालिश: जोड़ों के दर्द में राहत