एसिडिटी (Acidity) एक आम समस्या है जो आजकल हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। यह समस्या पेट में अम्ल की मात्रा बढ़ने के कारण होती है, जिससे सीने में जलन, अपच, और गैस जैसी समस्याएं होती हैं। एसिडिटी के लिए दवाइयों का सेवन करने के बजाय, आप कुछ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक घरेलू उपायों (Acidity Home Remedies in Hindi) को अपना सकते हैं। इस लेख में हम एसिडिटी के कारण, लक्षण और 50 प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

एसिडिटी क्या है? (What is Acidity in Hindi)
एसिडिटी तब होती है जब पेट में मौजूद अम्ल (Hydrochloric Acid) अधिक मात्रा में बनने लगता है। यह अम्ल भोजन को पचाने में मदद करता है, लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह पेट और छाती में जलन पैदा करता है। एसिडिटी को हार्टबर्न (Heartburn) या एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) के नाम से भी जाना जाता है।
एसिडिटी के कारण (Causes of Acidity in Hindi)
एसिडिटी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- असंतुलित आहार: तला-भुना, मसालेदार और अधिक वसा युक्त भोजन का सेवन।
- अधिक मात्रा में चाय या कॉफी पीना।
- धूम्रपान और शराब का सेवन।
- तनाव और चिंता।
- अनियमित खानपान।
- अधिक देर तक खाली पेट रहना।
- गर्भावस्था।
- कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट।
- पेट में संक्रमण।
- अधिक मात्रा में नमक का सेवन।
एसिडिटी के लक्षण (Symptoms of Acidity in Hindi)
एसिडिटी के कुछ सामान्य लक्षण (acidity symptoms) निम्नलिखित हैं:
- सीने में जलन।
- पेट में दर्द या भारीपन।
- गैस और ब्लोटिंग।
- मुंह में खट्टा स्वाद आना।
- उल्टी या मतली की समस्या।
- भूख न लगना।
- खांसी या गले में खराश।
- सांस लेने में तकलीफ।
- कब्ज या दस्त।
- बार-बार डकार आना।
एसिडिटी के लिए 50 घरेलू उपाय (50 Acidity Home Remedies in Hindi)

एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप निम्नलिखित घरेलू उपायों (Acidity Home Remedy ) को आजमा सकते हैं। ये उपाय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक हैं, जो एसिडिटी (Acidity Home Remedies in hindi)को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं।
- ठंडा दूध (Cold Milk)-ठंडा दूध एसिडिटी को तुरंत शांत करने का सबसे आसान उपाय है। दूध में मौजूद कैल्शियम पेट में अम्ल को नियंत्रित करता है। एक गिलास ठंडा दूध पीने से एसिडिटी से तुरंत राहत मिलती है।
- तुलसी के पत्ते (Basil Leaves)-तुलसी के पत्ते एसिडिटी के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनमें मौजूद एंटी-अल्सर गुण पेट में अम्ल को कम करते हैं। 2-3 तुलसी के पत्ते चबाने से एसिडिटी से राहत मिलती है।
- अदरक (Ginger)-अदरक पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबाएं या अदरक की चाय पिएं।
- .जीरा (Cumin Seeds)-जीरा पेट की गैस और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। एक चम्मच जीरा चबाएं या जीरे को पानी में उबालकर पिएं।
- इलायची (Cardamom)-इलायची पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है। एक इलायची चबाएं या इलायची वाली चाय पिएं।
- सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)-सेब का सिरका पेट में अम्ल के स्तर को संतुलित करता है। एक चम्मच सेब का सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं।
- नारियल पानी (Coconut Water)-नारियल पानी पेट को ठंडक पहुंचाता है और एसिडिटी को कम करता है। रोजाना एक गिलास नारियल पानी पिएं।
- पुदीना (Mint)-पुदीना पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। पुदीने की चाय पिएं या पुदीने के पत्ते चबाएं।
- केला (Banana)-केला पेट में अम्ल को नियंत्रित करता है और एसिडिटी से राहत दिलाता है। रोजाना एक केला खाएं।
- ठंडा पानी (Cold Water)-एसिडिटी होने पर ठंडा पानी पीने से तुरंत राहत मिलती है। ठंडा पानी पेट में अम्ल को नियंत्रित करता है।
- अजवाइन (Carom Seeds)-अजवाइन पेट की गैस और एसिडिटी को कम करती है। एक चम्मच अजवाइन चबाएं या अजवाइन का पानी पिएं।
- आंवला (Amla)-आंवला पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। आंवला का जूस पिएं या आंवला पाउडर का सेवन करें।
- गुड़ (Jaggery)-गुड़ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। भोजन के बाद एक छोटा टुकड़ा गुड़ खाएं।
- लौंग (Clove)-लौंग पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है। एक लौंग चबाएं या लौंग का पानी पिएं।
- शहद (Honey)-शहद पेट में अम्ल को नियंत्रित करता है और एसिडिटी को कम करता है। एक चम्मच शहद गुनगुने पानी के साथ लें।
- अलसी के बीज (Flaxseeds)-अलसी के बीज पेट की जलन को शांत करते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं। अलसी के बीज को पानी में भिगोकर पिएं।
- कच्चा पपीता (Raw Papaya)-कच्चा पपीता पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। कच्चे पपीते का जूस पिएं।
- नींबू पानी (Lemon Water)-नींबू पानी पेट में अम्ल को नियंत्रित करता है और एसिडिटी को कम करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं।
- दही (Curd)-चक्का दही जो मीठा होता है वह पेट को ठंडक पहुंचाता है और एसिडिटी को कम करता है। रोजाना एक कटोरी दही खाएं।
- सौंफ (Fennel Seeds)-सौंफ पेट की गैस और एसिडिटी को कम करती है। एक चम्मच सौंफ चबाएं या सौंफ का पानी पिएं।
- गुलकंद (Rose Petal Jam)-गुलकंद पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। एक चम्मच गुलकंद खाएं।
- काली मिर्च (Black Pepper)-काली मिर्च पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और एसिडिटी को कम करती है। एक चुटकी काली मिर्च पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- मेथी के बीज (Fenugreek Seeds)-मेथी के बीज पेट की जलन को शांत करते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं। मेथी के बीज को पानी में भिगोकर पिएं।
- अनार का जूस (Pomegranate Juice)-अनार का जूस पेट में अम्ल को नियंत्रित करता है और एसिडिटी को कम करता है। रोजाना एक गिलास अनार का जूस पिएं।
- तरबूज (Watermelon)-तरबूज पेट को ठंडक पहुंचाता है और एसिडिटी को कम करता है। रोजाना तरबूज खाएं।
- खीरा (Cucumber)-खीरा पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। रोजाना खीरा खाएं।
- पानी पीना (Drink Water)-पानी पीने से पेट में अम्ल का स्तर नियंत्रित रहता है। रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
- योग और प्राणायाम (Yoga and Pranayama)-योग और प्राणायाम तनाव को कम करते हैं और एसिडिटी को नियंत्रित करते हैं। रोजाना योग करें।
- एसिडिटी के लिए योगासन (Yogasan for Acidity in Hindi)
1. वज्रासन (Vajrasana)
फायदा: यह भोजन के बाद किया जा सकता है और पाचन को तुरंत सुधारता है।
कैसे करें: घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठ जाएं, पीठ सीधी रखें और गहरी सांस लें।
2. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana)
फायदा: गैस, अपच और पेट की जलन में लाभकारी।
कैसे करें: पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़कर छाती की ओर लाएं और हाथों से पकड़ लें। सिर को घुटनों से मिलाने की कोशिश करें।
3. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
फायदा: पेट की मांसपेशियों और पाचन अंगों को उत्तेजित करता है।
कैसे करें: ज़मीन पर बैठकर एक पैर मोड़ें और दूसरे पैर को उसके ऊपर से निकालें। फिर शरीर को उस दिशा में मोड़ें।
4. भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
फायदा: पेट और छाती को खोलता है, पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।
कैसे करें: पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को कंधों के नीचे रखें, फिर धीरे-धीरे ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं।
5. शवासन (Shavasana)
फायदा: तनाव कम करता है, जो एसिडिटी का एक प्रमुख कारण है।
कैसे करें: पीठ के बल लेट जाएं, शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और सांस पर ध्यान दें।
🧂 अतिरिक्त सुझाव:
योग के साथ-साथ प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम, शीतली) भी एसिडिटी को दूर करने में सहायक होते हैं।
योगासन हमेशा खाली पेट या खाने के 3 घंटे बाद करें (सिवाय वज्रासन के)।
- एसिडिटी के लिए योगासन (Yogasan for Acidity in Hindi)
- हर्बल चाय (Herbal Tea)-हर्बल चाय पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है। रोजाना हर्बल चाय पिएं।
- संतुलित आहार (Balanced Diet)-संतुलित आहार लेने से पेट की समस्याएं कम होती हैं। तला-भुना और मसालेदार भोजन से बचें।
- मेथी के पत्ते (Fenugreek Leaves)-मेथी के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं। मेथी के पत्तों को उबालकर उसका पानी पिएं या मेथी के पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं।
- अश्वगंधा (Ashwagandha)-अश्वगंधा तनाव को कम करता है और पेट की जलन को शांत करता है। अश्वगंधा पाउडर को गुनगुने पानी के साथ लें।
- त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder)-त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
- सोंठ (Dry Ginger)-सोंठ पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है। सोंठ का पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- अर्जुन की छाल (Arjuna Bark)-अर्जुन की छाल पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है। अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पिएं।
- पिप्पली (Long Pepper)-पिप्पली पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और एसिडिटी को कम करती है। पिप्पली का पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- वासा (Malabar Nut)-वासा पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। वासा का काढ़ा बनाकर पिएं।
- गिलोय (Giloy)-गिलोय पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। गिलोय का जूस पिएं या गिलोय का काढ़ा बनाकर पिएं।
- नीम (Neem)-नीम पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। नीम की पत्तियों का जूस पिएं।
- हल्दी (Turmeric)-हल्दी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और एसिडिटी को कम करती है। एक चम्मच हल्दी पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- दालचीनी (Cinnamon)-दालचीनी पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है। दालचीनी का पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें या दालचीनी की चाय पिएं।
- अजमोद (Celery Seeds)-अजमोद पेट की गैस और एसिडिटी को कम करता है। अजमोद के बीज को पानी में उबालकर पिएं।
- सहजन के पत्ते (Drumstick Leaves)-सहजन के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं। सहजन के पत्तों का जूस पिएं या सहजन की सब्जी बनाकर खाएं।
- कच्चा आम (Raw Mango)-कच्चा आम पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। कच्चे आम का जूस पिएं या कच्चे आम की चटनी खाएं।
- जायफल (Nutmeg)-जायफल पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। जायफल का पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- अमरूद के पत्ते (Guava Leaves)-अमरूद के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं। अमरूद के पत्तों को उबालकर उसका पानी पिएं।
- करेला (Bitter Gourd)-करेला पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। करेले का जूस पिएं या करेले की सब्जी बनाकर खाएं।
- मुनक्का (Raisins)-मुनक्का पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। रोजाना 5-6 मुनक्का खाएं।
- अंजीर (Figs)-अंजीर पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है। अंजीर को पानी में भिगोकर खाएं।
- किशमिश (Raisins)-किशमिश पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और एसिडिटी को कम करती है। रोजाना 10-12 किशमिश खाएं।

एसिडिटी के लिए आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Acidity in Hindi)(acidity medicine)
आयुर्वेद में एसिडिटी के लिए कई प्राकृतिक उपचार बताए गए हैं। आयुर्वेदिक दवाइयों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करके एसिडिटी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार निम्नलिखित हैं:एसिडिटी के लिए आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines for Acidity in Hindi)
आयुर्वेद में एसिडिटी (Acidity) के लिए कई प्राकृतिक और प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं। ये दवाएं पेट में अम्ल के स्तर को संतुलित करती हैं, पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं और एसिडिटी से राहत दिलाती हैं। नीचे कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक दवाओं के नाम और उनके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया गया है।
1. अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna)
- प्रभाव: यह चूर्ण पेट में अम्ल के स्तर को संतुलित करता है और एसिडिटी, गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है।
- घटक: इसमें त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला), सोंठ, पिप्पली, नागरमोथा, और वंशलोचन जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं।
- उपयोग: रात को सोने से पहले 1-2 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
2. शंख भस्म (Shankh Bhasma)
- प्रभाव: शंख भस्म पेट में अम्ल के स्तर को कम करती है और एसिडिटी, सीने में जलन और अपच को ठीक करती है।
- घटक: यह शंख (सीप) से बनी भस्म है, जो पेट की जलन को शांत करती है।
- उपयोग: 125-250 मिलीग्राम शंख भस्म को शहद या गुनगुने पानी के साथ लें।
3. यष्टिमधु (Yashtimadhu or Mulethi)
- प्रभाव: यष्टिमधु पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी, अल्सर और गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करता है।
- घटक: यह मुलेठी की जड़ से बनता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-अल्सर गुण होते हैं।
- उपयोग: 1-2 ग्राम यष्टिमधु चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें।
4. सूतशेखर रस (Sutshekhar Ras)
- प्रभाव: यह दवा एसिडिटी, सीने में जलन, उल्टी और अपच को ठीक करती है।
- घटक: इसमें शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, ताम्र भस्म और अन्य जड़ी-बूटियां शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 गोली दिन में दो बार शहद या गुनगुने पानी के साथ लें।
5. कामदुधा रस (Kamdudha Ras)
- प्रभाव: यह दवा पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी, गैस और अपच को दूर करती है।
- घटक: इसमें मुक्ता भस्म (मोती भस्म), प्रवाल भस्म (मूंगा भस्म), और गिलोय शामिल हैं।
- उपयोग: 250-500 मिलीग्राम कामदुधा रस को शहद या गुनगुने पानी के साथ लें।
6. पतंजलि दिव्य पेप्टीक्योर वटी (Patanjali Divya Pepticare Vati)
- प्रभाव: यह वटी एसिडिटी, गैस, अपच और सीने में जलन को ठीक करती है।
- घटक: इसमें सोंठ, पिप्पली, अजवाइन, और हरड़ जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 गोली दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लें।
7. त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna)
- प्रभाव: त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी, कब्ज और अपच को दूर करता है।
- घटक: इसमें हरड़, बहेड़ा और आंवला शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 ग्राम त्रिफला चूर्ण को रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें।
8. अमलकी रसायन (Amalaki Rasayan)
- प्रभाव: यह आंवला से बनी दवा है, जो पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी को कम करती है।
- घटक: इसमें आंवला का अर्क होता है, जो विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
- उपयोग: 1-2 चम्मच अमलकी रसायन को गुनगुने पानी के साथ लें।
9. हिंग्वाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna)
- प्रभाव: यह चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी, गैस और अपच को दूर करता है।
- घटक: इसमें हिंग (असाफोटिडा), अजवाइन, सोंठ, और काली मिर्च शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 ग्राम चूर्ण को भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ लें।
10. लवण भास्कर चूर्ण (Lavana Bhaskar Churna)
- प्रभाव: यह चूर्ण पेट की गैस और एसिडिटी को कम करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- घटक: इसमें सेंधा नमक, काला नमक, अजवाइन, और सोंठ शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें।
11. कुटज घन वटी (Kutaj Ghan Vati)
- प्रभाव: यह वटी पेट की जलन को शांत करती है और एसिडिटी, दस्त और अपच को ठीक करती है।
- घटक: इसमें कुटज (कुटजा) की छाल का अर्क होता है।
- उपयोग: 1-2 गोली दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लें।
12. चित्रकादि वटी (Chitrakadi Vati)
- प्रभाव: यह वटी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और एसिडिटी, गैस और अपच को दूर करती है।
- घटक: इसमें चित्रक, पिप्पली, और सोंठ शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 गोली दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लें।
13. पंचसकार चूर्ण (Panchsakar Churna)
- प्रभाव: यह चूर्ण कब्ज और एसिडिटी को दूर करता है और पाचन तंत्र को साफ करता है।
- घटक: इसमें सेंधा नमक, सोंठ, हरड़, और त्रिफला शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 ग्राम चूर्ण को रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें।
14. गिलोय सत्व (Giloy Satva)
- प्रभाव: गिलोय पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और एसिडिटी को कम करता है।
- घटक: इसमें गिलोय का शुद्ध अर्क होता है।
- उपयोग: 1-2 ग्राम गिलोय सत्व को गुनगुने पानी के साथ लें।
15. वासावलेह (Vasavaleha)
- प्रभाव: यह आयुर्वेदिक लेह पेट की जलन को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है।
- घटक: इसमें वासा (अडूसा), आंवला, और शहद शामिल हैं।
- उपयोग: 1-2 चम्मच लेह को गुनगुने पानी के साथ लें।
निष्कर्ष (Conclusion)-
आयुर्वेदिक दवाएं एसिडिटी को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। ये दवाएं प्राकृतिक और सुरक्षित हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ इन दवाओं का उपयोग करके आप एसिडिटी से छुटकारा पा सकते हैं।
एसिडिटी एक आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आप नियमित रूप से एसिडिटी से पीड़ित हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, ऊपर बताए गए घरेलू उपायों और आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाकर आप एसिडिटी से छुटकारा पा सकते हैं। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप एसिडिटी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
Acidity Home Remedies in Hindi के इस लेख में हमने एसिडिटी के कारण, लक्षण और 50 प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से जाना। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें। अम्लपित्त के बारे मे और पढ़ने और जानने के लिए यंहा क्लिक करे –https://enlightayurveda.com/acidity-meaning-in-hindi/