दस्त (Loose Motion) क्या है? |

हम सभी ने कभी न कभी पेट खराब होने या दस्त (Loose Motion) की समस्या का सामना किया है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बार-बार पतले या पानी जैसे मल का निकलना होता है। आमतौर पर यह पेट में संक्रमण, दूषित खाना या पानी पीने से होता है। दस्त बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर में पानी और मिनरल्स की भारी कमी (डिहाइड्रेशन) हो जाती है।
भारत जैसे देश में, जहाँ गर्मी और मानसून के मौसम में दूषित पानी और भोजन की समस्या आम है, वहाँ दस्त होना कोई असामान्य बात नहीं है। ज्यादातर मामलों में दस्त कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है।
Loose Motion के इलाज के लिए बाजार में कई प्रकार की दवाइयाँ (Loose Motion Tablets) उपलब्ध हैं। इसके अलावा घरेलू नुस्खे (Home Remedies) भी बेहद असरदार होते हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि दस्त में कौन सी गोली लें या कौन सा घरेलू उपाय सबसे प्रभावी है, तो यह लेख आपके लिए पूरी तरह से उपयोगी है।
इस लेख में आप जानेंगे:
✅ दस्त (Loose Motion) के कारण
✅ दस्त रोकने की असरदार टेबलेट्स और भारतीय ब्रांड्स
✅ 30 बेहतरीन घरेलू नुस्खे
✅ दस्त में खान-पान की सही जानकारी
✅ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
अगर आप Loose Motion की दवा, दस्त का घरेलू इलाज या दस्त में क्या खाएं जैसे सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं, तो आगे पढ़ें — आपके सारे सवालों के जवाब इस लेख में मिलेंगे।दस्त रोकने की सबसे प्रभावी दवाइयां (Loose Motion Tablets in India)
1️⃣ Loperamide (लोपेरामाइड)
- कैसे काम करता है: आंतों की गति धीमी करता है जिससे मल कठोर हो जाता है।
- भारत में ब्रांड्स:
- Imodium (Johnson & Johnson)
- Lopamide (Cipla)
- Eldoper (Micro Labs)
- Andial(vertiaz)
- सेवन विधि: वयस्कों के लिए 2mg। पहली बार 2 गोली, फिर प्रत्येक ढीले मल के बाद 1 गोली (24 घंटे में 8mg से अधिक न लें)।
2️⃣ Racecadotril (रेसेकाडोट्रिल)
- कैसे काम करता है: आंतों से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के रिसाव को कम करता है।
- भारत में ब्रांड्स:
- Redotril (Dr. Reddy’s)
- Enuff (Cipla)
- Racedot (Sun Pharma)
3️⃣ ORS (ओआरएस – Oral Rehydration Solution)
- भारत में ब्रांड्स:
- Electral (FDC)
- ORS Sachets (Dabur, Cipla, Mankind)
- कैसे उपयोग करें: एक पैकेट को 1 लीटर पानी में घोलकर धीरे-धीरे पूरे दिन में पिएं।
4️⃣ Probiotics (प्रोबायोटिक्स)
- कैसे काम करता है: अच्छे बैक्टीरिया सप्लाई करके पाचन तंत्र को ठीक करता है।
- भारत में ब्रांड्स:
- Sporlac (Sanzyme)
- Darolac (Aristo)
- Vizylac (Torrent)
5️⃣ Antibiotics (डॉक्टर की सलाह पर ही)
- आवश्यकता कब: यदि दस्त का कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो।
- भारत में ब्रांड्स:
- Norflox-TZ (Cipla) – Norfloxacin + Tinidazole
- Oflox-OZ (Cipla) – Ofloxacin + Ornidazole
- Zenflox-OZ (Mankind) – Ofloxacin + Ornidazole
- Ciplox-TZ (Cipla) – Ciprofloxacin + Tinidazole
⚠️ ध्यान दें: एंटीबायोटिक्स का उपयोग सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर करें।
6️⃣ Metronidazole (Flagyl)
- कैसे काम करता है: बैक्टीरिया और परजीवी संक्रमण में असरदार।
- ब्रांड्स:
- Flagyl (Abbott)
- Metrogyl (J. B. Chemicals)
7️⃣ Activated Charcoal Tablets (सक्रिय चारकोल)
- कैसे काम करता है: शरीर में विषाक्त पदार्थों को सोखने में मदद करता है।
- ब्रांड्स:
- Charcolite (Intas)
- Carbophos (Cipla)
दस्त (Loose Motion) होने के प्रमुख कारण | Causes of Loose Motion in Hindi
Loose Motion यानी दस्त केवल पेट खराब होने का संकेत नहीं है, बल्कि यह कई प्रकार की आंतरिक समस्याओं या बाहरी कारणों का परिणाम हो सकता है। अगर दस्त का कारण समझ में आ जाए तो इलाज करना और भी आसान हो जाता है। आइए जानते हैं दस्त के मुख्य कारण:

1️⃣ बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection)
दूषित भोजन या पानी के माध्यम से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं और आंतों में संक्रमण फैला देते हैं। सबसे सामान्य बैक्टीरिया हैं:
- E. coli (ई-कोलाई)
- Salmonella (साल्मोनेला)
- Shigella (शिगेला)
- Campylobacter (कैम्पिलोबैक्टर)
लक्षण: बुखार, पेट दर्द, खून के साथ दस्त।
2️⃣ वायरल संक्रमण (Viral Infection)
वायरल दस्त सबसे आम होता है, खासकर बच्चों में। वायरस आंतों पर हमला करके पाचन तंत्र को गड़बड़ कर देते हैं।
- Rotavirus (रोटावायरस)
- Norovirus (नोरोवायरस)
- Adenovirus (एडेनोवायरस)
लक्षण: उल्टी, बुखार, शरीर में दर्द के साथ पतले दस्त।
3️⃣ फूड पॉइज़निंग (Food Poisoning)
बासी, अधपका या दूषित खाना खाने से फूड पॉइज़निंग हो सकती है, जो दस्त का एक प्रमुख कारण है।
लक्षण: अचानक दस्त, उल्टी, पेट में तेज दर्द।
4️⃣ पानी की अशुद्धता (Contaminated Water)
गंदे या संक्रमित पानी में मौजूद परजीवी और बैक्टीरिया दस्त का कारण बन सकते हैं। भारत में मानसून या गर्मी के मौसम में यह अधिक देखा जाता है।
5️⃣ फूड एलर्जी या इन्टॉलरेंस (Food Allergy/Intolerance)
कुछ लोगों का शरीर कुछ खास खाद्य पदार्थों को पचा नहीं पाता, जिससे दस्त हो सकता है।
- लैक्टोज इन्टॉलरेंस (Lactose Intolerance) – दूध और डेयरी से एलर्जी
- ग्लूटन इन्टॉलरेंस (Gluten Intolerance) – गेहूं, जौ, राई जैसी चीजों से एलर्जी
6️⃣ दवाइयों का साइड इफेक्ट (Side Effects of Medicines)
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) – अच्छे बैक्टीरिया को भी खत्म कर देते हैं जिससे दस्त शुरू हो सकता है।
- मल्टीविटामिन्स या आयरन की गोलियां – कुछ लोगों में दस्त का कारण बन सकती हैं।
7️⃣ पेट के परजीवी संक्रमण (Parasitic Infection)
गंदे पानी या खाद्य पदार्थों से परजीवी (Parasites) शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जैसे:
- Giardia lamblia (जियार्डिया)
- Entamoeba histolytica (एंटअमीबा हिस्टोलिटिका)
लक्षण: लगातार पतले दस्त, कमजोरी, वजन घटना।
8️⃣ पाचन तंत्र की बीमारियाँ (Digestive Disorders)
कुछ विशेष आंतों से जुड़ी बीमारियाँ दस्त का कारण बनती हैं:
- Irritable Bowel Syndrome (IBS)
- Crohn’s Disease (क्रोन्स डिजीज)
- Ulcerative Colitis (अल्सरेटिव कोलाइटिस)
9️⃣ मानसिक तनाव (Mental Stress)
तनाव और चिंता का सीधा असर पेट पर पड़ता है, जिससे Loose Motion हो सकता है। इसे Stress-Induced Diarrhea कहते हैं।
🔟 फैटी और मसालेदार भोजन
अधिक तेल, मसाले या फास्ट फूड खाने से पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे दस्त हो सकता है, खासकर जिनकी पाचन क्षमता कमजोर होती है।
1️⃣1️⃣ शारीरिक हार्मोनल बदलाव
- महिलाओं में पीरियड्स या प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल असंतुलन से भी दस्त की समस्या हो सकती है।
1️⃣2️⃣ अधिक कैफीन या शराब का सेवन
कॉफी, चाय या शराब का अत्यधिक सेवन भी पेट की दीवार को उत्तेजित कर दस्त का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष:
Loose Motion के कारण अनेक हो सकते हैं — संक्रमण से लेकर तनाव तक। सही कारण की पहचान करना इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। यदि दस्त 2-3 दिनों में ठीक न हो या उसमें खून या अत्यधिक कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दस्त (Loose Motion) के लक्षण | Symptoms of Loose Motion in Hindi

Loose Motion यानी दस्त केवल पतले मल का निकलना नहीं होता, बल्कि इसके साथ शरीर में कई अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, जिनसे बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। लक्षण हल्के भी हो सकते हैं और कभी-कभी गंभीर स्थिति भी बना सकते हैं।
आइए जानते हैं दस्त के सामान्य और गंभीर लक्षणों को विस्तार से:
✅ 1️⃣ बार-बार पतला या पानी जैसा मल आना
- यह दस्त का सबसे प्रमुख लक्षण होता है।
- कभी-कभी मल में झाग या बदबूदार गंध भी हो सकती है।
- कुछ मामलों में मल में खून या म्यूकस (बलगम) भी आ सकता है।
✅ 2️⃣ पेट में मरोड़ या ऐंठन (Abdominal Cramps)
- दस्त के साथ पेट में मरोड़ उठती है।
- दर्द कभी-कभी बाएं या दाएं हिस्से में ज़्यादा हो सकता है।
- मल त्यागने के बाद हल्का आराम महसूस हो सकता है।
✅ 3️⃣ पेट में भारीपन या गैस (Bloating and Gas)
- दस्त होने पर आंतों में गैस बनती है।
- पेट फूला हुआ और असहज महसूस हो सकता है।
✅ 4️⃣ कमजोरी और थकान (Weakness and Fatigue)
- बार-बार पानी जैसा मल निकलने से शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी हो जाती है।
- इससे शरीर कमजोर और थका हुआ महसूस करता है।
✅ 5️⃣ डिहाइड्रेशन (Dehydration)
डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी दस्त का सबसे खतरनाक असर होता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
डिहाइड्रेशन के संकेत:
- मुँह सूखना
- पेशाब कम आना या गहरा रंग होना
- चक्कर आना
- आँखों का धँसना
- त्वचा की चमक कम हो जाना
- तेज़ दिल की धड़कन
✅ 6️⃣ उल्टी या जी मिचलाना (Nausea and Vomiting)
- कुछ मामलों में दस्त के साथ उल्टी या जी मिचलाने की समस्या भी होती है।
- यह खासतौर पर फूड पॉइज़निंग या वायरल इंफेक्शन में देखा जाता है।
✅ 7️⃣ बुखार (Fever)
- यदि दस्त बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण की वजह से है तो बुखार आ सकता है।
- हल्का या कभी-कभी तेज़ बुखार भी हो सकता है।
✅ 8️⃣ मल में खून आना (Blood in Stool)
- यदि आंतों में संक्रमण या घाव हो तो मल में खून आ सकता है।
- यह स्थिति Dysentery (पेचिश) की ओर इशारा कर सकती है और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
✅ 9️⃣ भूख कम लगना (Loss of Appetite)
- पेट में असहजता और बार-बार मल त्यागने से भूख लगना बंद हो जाती है।
✅ 🔟 शरीर में कंपन या ठंड लगना (Chills or Shivering)
- इंफेक्शन या बुखार के साथ ठंड लगना या शरीर में कंपन भी दस्त के दौरान हो सकता है।
⚠️ गंभीर लक्षण – कब डॉक्टर के पास जाएं?
यदि नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- 2-3 दिन तक दस्त लगातार बने रहना
- लगातार उल्टियां होना
- शरीर में अत्यधिक कमजोरी
- बच्चे या बुजुर्ग में पेशाब बंद हो जाना
- खून या बलगम के साथ दस्त
दस्त में क्या खाएं और क्या न खाएं?
खाएं | न खाएं |
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दही, केला | तला हुआ भोजन |
खिचड़ी | मसालेदार खाना |
दलिया | डेयरी (दूध) |
उबला आलू | बहुत ठंडा या बर्फ वाला पानी |
नारियल पानी | कोल्ड ड्रिंक्स |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ दस्त में सबसे असरदार गोली कौन सी है?
👉 Loperamide और Racecadotril सबसे प्रभावी मानी जाती हैं। लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
❓ क्या दस्त में एंटीबायोटिक ले सकते हैं?
👉 एंटीबायोटिक्स केवल तब लें जब डॉक्टर द्वारा बैक्टीरियल इन्फेक्शन की पुष्टि हो।
❓ ORS कब तक पीना चाहिए?
👉 जब तक दस्त बंद न हो जाए और शरीर में पानी की कमी पूरी न हो जाए।
दस्त (Loose Motion) के लिए 30 असरदार घरेलू उपाय
नोट: यदि दस्त ज़्यादा लंबे समय तक चले या कमजोरी ज़्यादा हो तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।
✅ 1️⃣ केला (Banana)
- कच्चा या पका केला फाइबर और पेक्टिन से भरपूर होता है। दस्त में मदद करता है।
✅ 2️⃣ दही (Curd)
- दही में अच्छे बैक्टीरिया (Probiotics) होते हैं, जो आंतों को हेल्दी बनाते हैं।
✅ 3️⃣ सेब (Apple)
- सेब में मौजूद पेक्टिन दस्त को रोकने में मदद करता है। उबला या भुना हुआ सेब ज्यादा असरदार होता है।
✅ 4️⃣ अनार (Pomegranate)
- अनार का जूस या इसके दाने दस्त में फायदेमंद होते हैं। खून वाले दस्त में विशेष रूप से असरदार।
✅ 5️⃣ नारियल पानी (Coconut Water)
- शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई करता है और डिहाइड्रेशन रोकता है।
✅ 6️⃣ जीरा पानी (Cumin Water)
- 1 चम्मच जीरा भूनकर पानी में उबालें और ठंडा कर पिएं।
✅ 7️⃣ सौंफ पानी (Fennel Water)
- सौंफ पेट की सूजन कम करती है और दस्त में राहत देती है।
✅ 8️⃣ मूंगफली का मक्खन (Peanut Butter)
- प्रोटीन और फाइबर से भरपूर, आंतों को स्थिर करने में मदद करता है।
✅ 9️⃣ चावल का पानी (Rice Water)
- उबले हुए चावल का पानी दस्त में बेहद असरदार माना जाता है।
✅ 🔟 अदरक का रस (Ginger Juice)
- 1 चम्मच अदरक रस में थोड़ा शहद मिलाकर लें। पाचन सुधारता है।
✅ 1️⃣1️⃣ हल्दी दूध (Turmeric Milk)
- हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। दस्त रोकने में मदद करता है।
✅ 1️⃣2️⃣ बेली (Wood Apple/Bel)
- बेल का शरबत या बेल पल्प दस्त में बेहद फायदेमंद होता है।
✅ 1️⃣3️⃣ आंवला जूस (Amla Juice)
- आंवला का रस विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, दस्त में आराम देता है।
✅ 1️⃣4️⃣ पुदीना पानी (Mint Water)
- पुदीना का रस या पानी दस्त में ठंडक और आराम देता है।
✅ 1️⃣5️⃣ मेथी के दाने (Fenugreek Seeds)
- 1 चम्मच मेथी के दानों को पानी में भिगोकर चबाएं या पानी के साथ निगलें।
✅ 1️⃣6️⃣ काली मिर्च और घी
- 5 काली मिर्च पीसकर घी के साथ सेवन करें, तुरंत राहत देता है।
✅ 1️⃣7️⃣ साबूदाना (Tapioca)
- साबूदाने की खिचड़ी या पानी दस्त में लाभदायक है।
✅ 1️⃣8️⃣ किशमिश पानी (Raisin Water)
- रातभर 10-12 किशमिश भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं या पानी पिएं।
✅ 1️⃣9️⃣ नींबू पानी (Lemon Water)
- नींबू पानी में नमक और चीनी मिलाकर सेवन करें, इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी करता है।
✅ 2️⃣0️⃣ दालचीनी पाउडर (Cinnamon Powder)
- 1/4 चम्मच दालचीनी पाउडर शहद में मिलाकर खाएं।
✅ 2️⃣1️⃣ गाजर का सूप (Carrot Soup)
- गाजर में फाइबर और मिनरल्स होते हैं, दस्त में फायदा करते हैं।
✅ 2️⃣2️⃣ कटहल के बीज (Jackfruit Seeds)
- बीजों को भूनकर पीस लें और पानी के साथ सेवन करें।
✅ 2️⃣3️⃣ जामुन का सिरका (Blackberry Vinegar)
- दस्त में जामुन के सिरके की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
✅ 2️⃣4️⃣ शहद (Honey)
- शहद अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। 1 चम्मच शहद गुनगुने पानी में लें।
✅ 2️⃣5️⃣ नींबू और काली मिर्च
- नींबू में काली मिर्च और नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।
✅ 2️⃣6️⃣ खसखस (Poppy Seeds)
- खसखस का सेवन दस्त में राहत देता है। दूध या हलवा में डालकर खा सकते हैं।
✅ 2️⃣7️⃣ छाछ (Buttermilk)
- छाछ में थोड़ा सा सेंधा नमक और भुना जीरा मिलाकर पिएं।
✅ 2️⃣8️⃣ लौंग (Clove)
- 2-3 लौंग पानी में उबालकर उस पानी को पीएं।
✅ 2️⃣9️⃣ करी पत्ता (Curry Leaves)
- 5-6 करी पत्ते चबाकर या इनका रस निकालकर पिएं।
✅ 3️⃣0️⃣ हरी इलायची (Green Cardamom)
- इलायची को चबा सकते हैं या पानी में उबालकर पी सकते हैं।
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