
पाइल्स (Piles cure in 3 days ) , जिसे बवासीर भी कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन दर्दनाक समस्या है। इसमें गुदा के अंदर और आसपास की नसें सूज जाती हैं, जिससे दर्द, खुजली और कभी-कभी खून आ सकता है। हालांकि, यह समस्या अधिकतर लोगों को परेशान करती है, लेकिन सही उपचार से इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि पाइल्स का इलाज 3 दिनों में कैसे किया जाए, इसके कारण, लक्षण और 50 घरेलू व आयुर्वेदिक उपायों (Piles cure in 3 days )के बारे में विस्तृत जानकारी।
बवासीर (Piles cure in 3 days ), जिसे हेमोर्रोइड्स (Hemorrhoids) भी कहते हैं, एक ऐसी समस्या है जिसमें मलद्वार के आसपास की नसें सूज जाती हैं। इससे दर्द, खुजली, खून आना और बैठने में तकलीफ होती है। बवासीर दो प्रकार की होती है – आंतरिक (Internal) और बाहरी (External)।
कई लोग “बवासीर का 3 दिन में इलाज” ढूंढते हैं। हालांकि, गंभीरता के आधार पर पूरी तरह ठीक होने में समय लग सकता है, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार तेज आराम दिला सकते हैं।

बवासीर (Piles) के विस्तृत कारण
बवासीर (Piles cure in 3 days ) एक सामान्य गुदा रोग है जिसके विकास के पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं। यहाँ हम बवासीर के सभी संभावित कारणों को विस्तार से समझाते हैं:
- 1. कब्ज (Constipation) – प्रमुख कारण
- कैसे होता है?
- प्रभाव:
- गुदा क्षेत्र की नसों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है
- नसें फूलकर मस्सों का रूप ले लेती हैं
- 2. आहार संबंधी गलतियाँ (Dietary Factors)
- फाइबर की कमी:
- पर्याप्त फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज न खाना
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन
- हानिकारक आहार:
- अत्यधिक मसालेदार भोजन
- तला-भुना और जंक फूड
- कैफीन और अल्कोहल का अधिक सेवन
- फाइबर की कमी:
- 3. गर्भावस्था (Pregnancy)
- कारण:
- बढ़ते गर्भाशय का मलाशय पर दबाव
- प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के कारण नसों का फैलाव
- प्रसव के दौरान अत्यधिक जोर लगाना
- प्रभाव:
- 50% से अधिक गर्भवती महिलाओं को बवासीर होता है
- प्रसव के बाद अक्सर ठीक हो जाता है
- कारण:
- 4. आधुनिक जीवनशैली (Sedentary Lifestyle)
- कारक:
- लंबे समय तक बैठे रहना (डेस्क जॉब)
- शारीरिक गतिविधि की कमी
- व्यायाम न करना
- प्रभाव:
- गुदा क्षेत्र में रक्त संचार कम होना
- नसों में दबाव बढ़ना
- कारक:
- 5. मोटापा (Obesity)
- प्रभाव:
- पेट के अतिरिक्त वजन से मलाशय पर दबाव
- श्रोणि क्षेत्र (Pelvic area) में रक्त संचार बाधित होना
- प्रभाव:
- 6. उम्र बढ़ना (Aging)
- प्रभाव:
- 45-65 आयु वर्ग में सबसे आम
- उम्र के साथ ऊतक कमजोर होना
- नसों का लचीलापन कम होना
- प्रभाव:
- 7. आनुवंशिकता (Heredity)
- जोखिम:
- यदि परिवार में बवासीर का इतिहास हो
- जन्मजात नसों की कमजोरी
- जोखिम:
- 8. पुरानी दस्त (Chronic Diarrhea)
- प्रभाव:
- लगातार मल त्याग से गुदा क्षेत्र में जलन
- नसों पर बार-बार दबाव पड़ना
- प्रभाव:
- 9. भारी वजन उठाना (Heavy Lifting)
- कारण:
- वजन उठाते समय सांस रोकना
- पेट और गुदा क्षेत्र पर अचानक दबाव
- कारण:
- 10. यकृत रोग (Liver Disease)
- प्रभाव:
- लीवर सिरोसिस से पोर्टल हाइपरटेंशन
- गुदा क्षेत्र में नसों पर दबाव बढ़ना
- प्रभाव:
- 11. तनाव (Stress)
- प्रभाव:
- पाचन तंत्र की गति धीमी होना
- कब्ज की संभावना बढ़ना
- प्रभाव:
- 12. धूम्रपान (Smoking)
- प्रभाव:
- रक्त संचार बाधित होना
- नसों की दीवारें कमजोर होना
- प्रभाव:
- 13. कुछ विशेष रोग (Medical Conditions)
- उदाहरण:
- हृदय रोग
- मधुमेह
- कोलोरेक्टल कैंसर
- उदाहरण:
- 14. दवाओं का दुष्प्रभाव (Medication Side Effects)
- उदाहरण:
- आयरन सप्लीमेंट (कब्ज पैदा करते हैं)
- कुछ दर्द निवारक दवाएँ
- उदाहरण:
बवासीर के लक्षण
- 1. मलत्याग के समय खून आना (Bleeding During Bowel Movements)
- कैसा होता है?
- ताजा, चमकदार लाल रक्त (Fresh bright red blood)
- शौच के बाद टॉयलेट पेपर या मल पर खून के धब्बे
- कभी-कभी टपकता हुआ खून
- आंतरिक बवासीर में मल के दबाव से नसें फट जाती हैं।
- क्यों होता है?
- आंतरिक बवासीर में मल के दबाव से नसें फट जाती हैं।
- कैसा होता है?
- 2. गुदा में दर्द और जलन (Anal Pain & Burning)
- कैसा महसूस होता है?
- शौच के दौरान तेज चुभन या दर्द
- बैठने या चलने में असहजता
- लगातार हल्की जलन या खिंचाव
- कब बढ़ता है?
- कब्ज या डायरिया के दौरान
- ज्यादा देर बैठे रहने पर
- कैसा महसूस होता है?
- 3. गुदा के बाहर मस्से (External Lumps Near Anus)
- कैसे दिखते हैं?
- छोटी, नरम या सख्त गांठें (अंगूर के दाने जैसी)
- बैंगनी या गुलाबी रंग की
- समस्याएँ:
- टाइट कपड़े पहनने में दिक्कत
- मलत्याग के बाद गांठों का बाहर आना (Prolapse)
- कैसे दिखते हैं?
- 4. खुजली और सूजन (Itching & Swelling)
- कारण:
- मलद्वार से लगातार नमी रिसना (Mucus discharge)
- बैक्टीरियल इंफेक्शन
- लक्षण:
- रात को ज्यादा खुजली
- गुदा के आसपास की त्वचा लाल और सूजी हुई
- कारण:
- 5. मल त्याग में कठिनाई (Difficulty in Passing Stool)
- अनुभव:
- ऐसा लगना कि मल पूरी तरह नहीं निकला (Incomplete evacuation)
- बार-बार शौच जाने की इच्छा
- जोखिम:
- ज्यादा जोर लगाने से मस्से फट सकते हैं।
- अनुभव:
- 6. गुदा से बलगम निकलना (Mucus Discharge)
- कैसा दिखता है?
- साफ या सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ
- अंडरवियर पर दाग
- समस्या:
- इससे खुजली और बदबू पैदा होती है।
- कैसा दिखता है?
- 7. थ्रोम्बोज्ड हेमोर्रोइड (Thrombosed Hemorrhoid)
- गंभीर स्थिति:
- मस्सों के अंदर खून जम जाना (Blood clot)
- अचानक तेज दर्द और सूजन
- गांठ कठोर और नीली पड़ जाती है।
- इलाज:
- डॉक्टर को दिखाना जरूरी (कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता)।
- गंभीर स्थिति:
आंतरिक vs बाहरी बवासीर के लक्षणों में अंतर
लक्षण | आंतरिक बवासीर (Internal) | बाहरी बवासीर (External) |
---|---|---|
दर्द | कम या नहीं | तेज दर्द |
खून | ज्यादा | कम |
मस्से दिखाई देना | शौच के बाद बाहर आते हैं | हमेशा दिखते हैं |
खुजली | कम | ज्यादा |
बवासीर का 3 दिन में इलाज (Piles cure in 3 days ): 40 विस्तृत घरेलू उपचार

- 1. नारियल तेल (Coconut Oil)
- नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं जो बवासीर के मस्सों को शांत करते हैं।विधि: एक साफ कॉटन बॉल को नारियल तेल में डुबोएं प्रभावित क्षेत्र पर धीरे से लगाएं दिन में 2-3 बार दोहराएं
- लाभ:सूजन कम करता है खुजली और जलन से राहत देता है मस्सों को नरम बनाता है
- 2. एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel)
- एलोवेरा में प्राकृतिक उपचार गुण होते हैं जो बवासीर (Piles cure in 3 days ) के लक्षणों को कम करते हैं।
- विधि: ताजा एलोवेरा पत्ती से जेल निकालें प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं 20-30 मिनट बाद साफ पानी से धो लें
- लाभ: त्वरित दर्द निवारण सूजन कम करता है घाव भरने में सहायक
- 3. अंजीर (Figs)
- अंजीर फाइबर से भरपूर होता है जो कब्ज को दूर करता है।
- विधि: 3-4 सूखे अंजीर रातभर पानी में भिगोएं सुबह खाली पेट खाएं भीगे हुए पानी को भी पिएं
- लाभ: मल त्याग आसान होता है आंतों की सफाई करता है बवासीर (Piles cure in 3 days ) से जल्दी राहत
- 4. नींबू पानी (Lemon Water)
- नींबू में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को मजबूत करते हैं।
- विधि: 1 गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़ें सुबह खाली पेट पिए दिन में 2-3 बार ले सकते हैं
- लाभ: खूनी बवासीर (Piles cure in 3 days ) में रक्तस्राव कम करता ह पाचन तंत्र को साफ करता ह शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है
- 5. छाछ + काला नमक (Buttermilk + Black Salt)
- छाछ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है जो पाचन को दुरुस्त करती है।
- पेट की गर्मी शांत करता है कब्ज दूर करता ह आंतों के स्वास्थ्य में सुधार
- 6. लहसुन + सरसों तेल (Garlic + Mustard Oil)
- लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं।
- विधि 4-5 लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बनाएं
- 2 चम्मच सरसों तेल में गर्म करें
- ठंडा होने पर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं
- लाभ:
- मस्सों को सिकोड़ता है
- दर्द और सूजन कम करता है
- बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाता है
- लाभ:
- 7. पपीता (Papaya)
- पपीते में पपेन एंजाइम होता है जो पाचन में मदद करता है।
- विधि:
- कच्चा पपीता सलाद के रूप में खाएं
- पपीते के पत्तों का रस निकालकर पिएं
- दिन में 2 बार लें
- लाभ:
- मल त्याग आसान बनाता है
- आंतों की सूजन कम करता है
- बवासीर के मस्सों (Piles cure in 3 days ) को कम करता है
- विधि:
- पपीते में पपेन एंजाइम होता है जो पाचन में मदद करता है।
- 8. हल्दी + घी (Turmeric + Ghee)
- हल्दी में करक्यूमिन होता है जो एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी है।
- विधि:
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच शुद्ध देसी घी
- दोनों को मिलाकर गुदा पर लगाएं
- लाभ:
- तेजी से सूजन कम करता है
- घाव भरने में मदद करता है
- दर्द से राहत देता है
- 9. बर्फ की सिकाई (Ice Pack Therapy)
- ठंडी सिकाई रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने में मदद करती है।
- विधि:
- कुछ बर्फ के टुकड़े लें
- साफ कपड़े में लपेटें
- प्रभावित क्षेत्र पर 5-10 मिनट रखें
- लाभ:
- तत्काल दर्द से राहत
- सूजन कम करता है
- खून के प्रवाह को नियंत्रित करता है
- 10. त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder)
- त्रिफला आयुर्वेद का एक प्रसिद्ध रेचक (लैक्सेटिव) है।
- विधि:
- 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण
- 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ
- रात को सोने से पहले लें
- लाभ:
- प्राकृतिक रूप से कब्ज दूर करता है
- आंतों को साफ करता है
- बवासीर (Piles cure in 3 days ) को जड़ से ठीक करने में मदद करता है
- 11. मूली का रस (Radish Juice)
- मूली में डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं जो रक्त को शुद्ध करते हैं।
- विधि:
- 2-3 मूली को पीसकर रस निकालें
- सुबह खाली पेट 30ml रस पिएं
- ऊपर से 1 गिलास पानी पिएं
- लाभ:
- खूनी बवासीर (Piles cure in 3 days ) में विशेष लाभकारी
- पाचन अग्नि को बढ़ाता है
- शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है
- 12. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
- सेब का सिरका pH संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- विधि:
- 1 चम्मच कच्चा, अनफिल्टर्ड ACV
- 1 गिलास पानी में मिलाएं
- दिन में 2 बार पिएं
- लाभ:
- सूजन कम करता है
- खुजली से राहत देता है
- रक्त वाहिकाओं को मजबूत करता है
- 13. केले का सेवन (Banana)
- केले में पेक्टिन फाइबर होता है जो मल को नरम बनाता है।
- विधि:
- 1 पका केला
- 1 गिलास गर्म दूध के साथ
- रात को सोने से पहले लें
- लाभ:
- प्राकृतिक रेचक का काम करता है
- आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है
- बवासीर के दर्द से राहत देता है
- 14. जैतून का तेल (Olive Oil)
- जैतून तेल में ओलेइक एसिड होता है जो सूजन कम करता है।
- विधि:
- थोड़ा सा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल लें
- प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं
- दिन में 3-4 बार लगा सकते हैं
- लाभ:
- मस्सों को सिकोड़ने में मदद करता है
- दरारों को भरने में सहायक
- जलन कम करता है
- 15. अरंडी का तेल (Castor Oil)
- अरंडी तेल एक प्राकृतिक लैक्सेटिव है जो कब्ज दूर करता है।
- विधि:
- 1 चम्मच अरंडी तेल
- 1 गिलास गर्म दूध में मिलाएं
- रात को सोने से पहले लें
- लाभ:
- मल त्याग आसान बनाता है
- आंतों को चिकनाई प्रदान करता है
- बवासीर के मस्सों को कम करता है
- 16. गुलाबजल (Rose Water)
- गलाबजल में कूलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं जो जलन शांत करती हैं।
- विधि:
- रुई को शुद्ध गुलाबजल में भिगोएं
- प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं
- दिन में 3-4 बार लगा सकते हैं
- लाभ:
- त्वरित जलन निवारण
- खुजली कम करता है
- त्वचा को शांत करता है
- 17. पुदीना का रस (Mint Juice)
- पुदीना में मेंथॉल होता है जो प्राकृतिक रूप से ठंडक प्रदान करता है।
- विधि:
- ताजा पुदीने के पत्तों का रस निकालें
- 1 चम्मच रस दिन में 2 बार लें
- बाहरी बवासीर पर भी लगा सकते हैं
- लाभ:
- तत्काल दर्द से राहत
- सूजन कम करता है
- पाचन में सुधार करता है
- 18. अनार के छिलके (Pomegranate Peel)
- अनार के छिलके एस्ट्रिंजेंट होते हैं जो रक्तस्राव रोकते हैं।
- विधि:
- अनार के छिलकों को सुखाकर पाउडर बनाएं
- 1 चम्मच पाउडर छाछ के साथ लें
- दिन में 2 बार लें
- लाभ:
- खूनी बवासीर में विशेष प्रभावी
- मस्सों को सिकोड़ता है
- रक्त वाहिकाओं को मजबूत करता है
- 19. गेहूं का ज्वार (Wheatgrass Juice)
- गेहूं के ज्वार में क्लोरोफिल होता है जो रक्त शुद्ध करता है।
- विधि:
- ताजा गेहूं के ज्वार का रस निकालें
- 30ml रस सुबह खाली पेट पिएं
- ऊपर से पानी पिएं
- लाभ:
- शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है
- पाचन तंत्र को साफ करता है
- बवासीर के लक्षणों को कम करता है
- 20. नीम के पत्ते (Neem Leaves)
- नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
- विधि:
- नीम की ताजा पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाएं
- प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं
- 30 मिनट बाद धो लें
- लाभ:
- संक्रमण से बचाता है
- सूजन कम करता है
- घाव भरने में मदद करता है
- 21. अदरक + शहद (Ginger + Honey)
- कैसे काम करता है: अदरक में जिंजरोल सूजन कम करता है, शहद घाव भरने में मदद करता है।
- विधि: 1 चम्मच अदरक का रस + 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 बार लें।
- लाभ: पाचन सुधारता है, बवासीर (Piles cure in 3 days )के दर्द से राहत देता है।
- विधि: 1 चम्मच अदरक का रस + 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 बार लें।
- कैसे काम करता है: अदरक में जिंजरोल सूजन कम करता है, शहद घाव भरने में मदद करता है।
- 22. संतरे का जूस (Orange Juice)
- क्यों फायदेमंद: विटामिन C से रक्त वाहिकाएं मजबूत होती हैं।
- उपयोग: ताजा संतरे का जूस सुबह खाली पेट पिएं।
- विशेषता: कब्ज दूर करता है, मल त्याग आसान बनाता है।
- उपयोग: ताजा संतरे का जूस सुबह खाली पेट पिएं।
- क्यों फायदेमंद: विटामिन C से रक्त वाहिकाएं मजबूत होती हैं।
- 23. दही (Curd – Probiotic)
- प्रभाव: प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को संतुलित करते हैं।
- तरीका: 1 कप ताजा दही + भुना जीरा पाउडर दोपहर में खाएं।
- फायदा: आंतों की सूजन कम करता है, खुजली से राहत।
- तरीका: 1 कप ताजा दही + भुना जीरा पाउडर दोपहर में खाएं।
- प्रभाव: प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को संतुलित करते हैं।
- 24. मेथी के बीज (Fenugreek Seeds)
- गुण: फाइबर से भरपूर, मल को नरम बनाता है।
- विधि: 1 चम्मच मेथी दाना रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाएं।
- प्रभाव: बवासीर के मस्सों को सिकोड़ने (Piles cure in 3 days ) में मदद करता है।
- विधि: 1 चम्मच मेथी दाना रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाएं।
- गुण: फाइबर से भरपूर, मल को नरम बनाता है।
- 25. इलायची (Cardamom)
- कार्य: पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है।
- उपयोग: 2 इलायची पीसकर गुनगुने पानी के साथ लें।
- लाभ: पेट की गैस और सूजन कम करता है।
- उपयोग: 2 इलायची पीसकर गुनगुने पानी के साथ लें।
- कार्य: पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है।
- 26. गुड़ + हरड़ (Jaggery + Haritaki)
- आयुर्वेदिक महत्व: हरड़ आंतों को साफ करती है।
- तरीका: 1 चम्मच हरितकी पाउडर + 1 चम्मच गुड़ सोने से पहले लें।
- प्रभाव: कब्ज दूर करता है, मल त्याग नियमित करता है।
- तरीका: 1 चम्मच हरितकी पाउडर + 1 चम्मच गुड़ सोने से पहले लें।
- आयुर्वेदिक महत्व: हरड़ आंतों को साफ करती है।
- 27. सोंठ (Dry Ginger)
- गुण: रक्त संचार सुधारता है, सूजन कम करता है।
- विधि: 1/2 चम्मच सोंठ पाउडर गर्म पानी के साथ लें।
- उपयोगिता: दर्द और जलन में तुरंत आराम देता है।
- विधि: 1/2 चम्मच सोंठ पाउडर गर्म पानी के साथ लें।
- गुण: रक्त संचार सुधारता है, सूजन कम करता है।
- 28. करेला का जूस (Bitter Gourd Juice)
- प्रभाव: रक्त शुद्ध करता है, सूजन कम करता है।
- तरीका: 30ml करेले का जूस सुबह खाली पेट पिएं।
- सावधानी: गर्भवती महिलाएं न लें।
- तरीका: 30ml करेले का जूस सुबह खाली पेट पिएं।
- प्रभाव: रक्त शुद्ध करता है, सूजन कम करता है।
- 29. शहद + दालचीनी (Honey + Cinnamon)
- संयोजन प्रभाव: एंटी-इंफ्लेमेटरी और हीलिंग गुण।
- विधि: 1 चम्मच शहद + 1/4 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर लें।
- लाभ: मस्सों की सूजन कम करता है।
- विधि: 1 चम्मच शहद + 1/4 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर लें।
- संयोजन प्रभाव: एंटी-इंफ्लेमेटरी और हीलिंग गुण।
- 30. गर्म पानी से सिकाई (Warm Compress)
- तरीका: साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर प्रभावित जगह पर रखें।
- अवधि: दिन में 3-4 बार, 10-15 मिनट तक।
- फायदा: दर्द कम करता है, रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
- अवधि: दिन में 3-4 बार, 10-15 मिनट तक।
- तरीका: साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर प्रभावित जगह पर रखें।
- 31. आँवला (Amla)
- गुण: विटामिन C से भरपूर, रक्तस्राव रोकता है।
- उपयोग: 1 आँवला का रस या 1 चम्मच पाउडर पानी के साथ लें।
- प्रभाव: खूनी बवासीर में विशेष लाभकारी।
- उपयोग: 1 आँवला का रस या 1 चम्मच पाउडर पानी के साथ लें।
- गुण: विटामिन C से भरपूर, रक्तस्राव रोकता है।
- 32. काले तिल (Black Sesame Seeds)
- आयुर्वेदिक महत्व: वात दोष संतुलित करता है।
- विधि: 1 चम्मच काले तिल चबाकर खाएं, ऊपर से गर्म पानी पिएं।
- लाभ: मल त्याग आसान बनाता है।
- विधि: 1 चम्मच काले तिल चबाकर खाएं, ऊपर से गर्म पानी पिएं।
- आयुर्वेदिक महत्व: वात दोष संतुलित करता है।
- 33. सौंफ का पानी (Fennel Water)
- तैयारी: 1 चम्मच सौंफ रातभर 1 गिलास पानी में भिगोएं, सुबह छानकर पिएं।
- प्रभाव: पाचन ठीक करता है, गैस से राहत देता है।
- तैयारी: 1 चम्मच सौंफ रातभर 1 गिलास पानी में भिगोएं, सुबह छानकर पिएं।
- 34. अश्वगंधा (Ashwagandha)
- गुण: तनाव कम करता है, प्रतिरक्षा बढ़ाता है।
- उपयोग: 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म दूध के साथ लें।
- लाभ: शरीर की सूजन कम करता है।
- उपयोग: 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म दूध के साथ लें।
- गुण: तनाव कम करता है, प्रतिरक्षा बढ़ाता है।
- 35. गाजर का जूस (Carrot Juice)
- विटामिन: बीटा-कैरोटीन से घाव भरने में मदद।
- विधि: 1 गिलास ताजा गाजर का जूस सुबह पिएं।
- फायदा: मलद्वार की जलन (Piles cure in 3 days ) कम करता है।
- विधि: 1 गिलास ताजा गाजर का जूस सुबह पिएं।
- विटामिन: बीटा-कैरोटीन से घाव भरने में मदद।
- 36. अलसी के बीज (Flaxseeds)
- फाइबर स्रोत: 1 चम्मच अलसी के बीज रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाएं।
- प्रभाव: मल को नरम बनाता है, कब्ज दूर करता है।
- फाइबर स्रोत: 1 चम्मच अलसी के बीज रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाएं।
- 37. तुलसी का रस (Basil Juice)
- गुण: एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी।
- विधि: 5-6 तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ लें।
- लाभ: संक्रमण से बचाव, सूजन कम करता है।
- विधि: 5-6 तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ लें।
- गुण: एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी।
- 38. गुड़मार (Gudmar)
- विशेषता: रक्त शर्करा नियंत्रित करता है।
- उपयोग: 1/2 चम्मच गुड़मार पाउडर पानी के साथ लें।
- लाभ: मधुमेह से जुड़ी बवासीर में फायदेमंद।
- उपयोग: 1/2 चम्मच गुड़मार पाउडर पानी के साथ लें।
- विशेषता: रक्त शर्करा नियंत्रित करता है।
- 39. काली मिर्च + घी (Black Pepper + Ghee)
- आयुर्वेदिक संयोजन: 2 काली मिर्च पीसकर 1 चम्मच घी के साथ लें।
- प्रभाव: पाचन अग्नि बढ़ाता है, कब्ज दूर करता है।
- आयुर्वेदिक संयोजन: 2 काली मिर्च पीसकर 1 चम्मच घी के साथ लें।
- 40. अधिक पानी पिएँ (Hydration)
- मात्रा: प्रतिदिन 3-4 लीटर पानी अवश्य पिएँ।रात मे सोते व्यक्त 1 ग्लास कुमकुमा (थोडासा गरम )पानी पिए
- लाभ: मल नरम बनता है, विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- टिप: हर घंटे 1 गिलास पानी पीने की आदत डालें।
- लाभ: मल नरम बनता है, विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- मात्रा: प्रतिदिन 3-4 लीटर पानी अवश्य पिएँ।रात मे सोते व्यक्त 1 ग्लास कुमकुमा (थोडासा गरम )पानी पिए

आयुर्वेदिक उपचार (Piles cure in 3 days )-
- त्रिफला चूर्ण – रोज रात को गुनगुने पानी के साथ लें।
- अश्वगंधा पाउडर – पाचन को मजबूत करता है।
- नागकेसर – रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है।
- अर्जुन की छाल का काढ़ा – नसों को मजबूत करता है।
- चित्रकादी वटी – कब्ज दूर करता है।
- कायाकल्प वटी – शरीर को डिटॉक्स करता है।
- अभयारिष्ट – पाचन तंत्र को सुधारता है।
- अशोक छाल का काढ़ा – रक्तस्राव रोकता है।
- त्रिफला गुग्गुलु वटी – सूजन कम करता है।
- सुरनादी वटकम – रकस्त्राव रोक कर सूजन कम करता है
- हिंगवादी वटी -सूजन कम करने मे सहायक
निष्कर्ष
यदि आप बवासीर का 3 दिन में इलाज (Piles cure in 3 days ) चाहते हैं, तो इन 40 घरेलू उपायों को आजमाएं। साथ ही फाइबर युक्त आहार लें, कब्ज से बचें और ज्यादा देर तक न बैठें। अगर समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
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(यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। गंभीर स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लें।)
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ये सभी घरेलू उपाय प्राकृतिक और सुरक्षित हैं। इन्हें नियमित रूप से 3-7 दिन तक अपनाने पर बवासीर (Piles cure in 3 days ) में स्पष्ट सुधार दिखाई देगा। गंभीर स्थिति में चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। अर्श या बवासीर के बारे और विस्तृत मे जानने के लिए –https://enlightayurveda.com/piles-meaning-in-hindi/ और https://enlightayurveda.com/piles-treatment-without-surgery/ पे क्लिक कीजिए ।